भारत की सुरक्षा के लिये स्थायी खतरा रेल लाइन बनाने की इस योजना के संदर्भ में १० अगस्त २००१ को न्यूयार्क टाइम्स को दिये साक्षात्कार में चीन के तत्कालीन राष्ट्रपति जियांग जेमिन ने कहा था कि यह परियोजना एक राजनीतिक फैसला है। इसलिये किसी भी कीमत पर हम लोग इसे पूरा करेंगें। अगर इसके लिये व्यावसायिक घाटा भी सहना पडे तो उसे सहेंगें। कूटनीतिज्ञों एंव विषज्ञों को विश्र्वास है कि गोरमो से ल्हासा तक रेल लाइन बिछाने से इस क्षेत्र में फैले असंतोष को कुचलने के लिये सैनिक पहुंचाने में आसानी होगी और इस क्षेत्र पर अपना सैनिक, राजनीतिक और आर्थिक नियंत्रण मजबूत करने में मदद मिलेगी। साम्यवादी चीन द्वारा रेल विकास करने की दृढ इच्छा इस बात को दर्शाती है की भारी खर्च की परवाह किए बिना वह अपनी सैनिक शक्ति को प्राथमिकता दे रहा है।
चीन की गोरमो से ल्हासा रेल लाइन बनाने की नयी योजना
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