दैनिक जागरण, 17 अप्रैल, 2012
मुख्य संवाददाता, धर्मशाला : तिब्बत के संकट से निपटने के लिए विशेष चार दिवसीय विशेष बैठक 25 से 28 सितंबर तक होगी। निर्वासित सरकार व केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के तत्वाधान में आयोजित होने वाली बैठक में तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
इस दौरान किस प्रकार से निर्वासित तिब्बती अपनी गतिविधियां बढ़ाएं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तिब्बत की समस्या से निपटने को समर्थन प्राप्त करना, भारत व दक्षिणी एशियाई देशों से भी इस स्थिति से निपटने को विशेष समर्थन किस प्रकार लिया जाए पर चर्चा होगी। इस प्रकार की यह दूसरी बैठक होगी। इससे पूर्व तिब्बत के भीतर तिब्बतियों के शांतिप्रिय आंदोलन को दबाने के लिए चीनी सरकार के दमनकारी रवैये के विषय पर परमपावन दलाईलामा की अध्यक्षता में 2008 में पहली बैठक हुई थी। यहां आयोजित एक संयुक्त पत्रकार सम्मेलन में निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांग्ये व संसद के उपाध्यक्ष सोनम टैंफल ने बताया कि बैठक में निर्वासित सरकार के मंत्रिमंडल व संसद में पारित निर्देशों के तहत ही चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्देशों में यह स्पष्ट किया कि कोई भी कार्यक्रम व्यक्तिगत तौर पर हो या सरकार के स्तर पर उसमें शांति, वैधानिक व गौरवपूर्ण होना आवश्यक है। यह बैठक तिब्बती निर्वासित सरकार के संविधान की धारा 59 के तहत दूसरी विशेष बैठक है।