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कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज के क्षेत्रीय संयोजक श्री सुदेश कुमार ने ०३ मार्च २०२२ को गुरुकुल इंटर कॉलेज, हजारीबाग में ‘तिब्बत के लिए एक दिन’ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में डेढ़ सौ से अधिक छात्रों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में श्री कुमार ने कम्युनिस्ट चीन की विस्तारवादी नीति और भविष्य में भारत और भारतीय उपमहाद्वीप पर पड़नेवाले इसके प्रभावों के बारे में बताया है। उन्होंने आगे तिब्बत में बिगड़ते मानवाधिकारों और पर्यावरण की स्थिति पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के नागरिक के रूप में हमें जो उपाय करने की जरूरत है, वह चीनी उत्पाद का बहिष्कार करके और उसकी अर्थव्यवस्था को चरमराने की जरूरत है।
कॉलेज के निदेशक श्री जे. पी. जैन ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत ने १९५९ से पहले कभी भी चीन के साथ सीमा साझा नहीं की थी बल्कि भारत की सीमा तिब्बत से लगी थी। उन्होंने आगे कहा कि चीन ने सीमा क्षेत्र में अस्थिरता और सीमा पर तनाव पैदा किया है, जिसके कारण कई भारतीय जवानों की मौत हुई है। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री गायत्री राणा ने कहा कि चीन का तिब्बत पर कोई वैध अधिकार नहीं है और यह जबरदस्ती कब्जा किया गया देश था। जिसके कारण भारत को समय समय पर चीन द्वारा भारतीय सीमा पर घुसपैठ का सामना कर रहा है। इससे भारतीय सैनिकों की मौत हुई है। यही सही समय है कि हमें चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करना चाहिए और अपनी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि हम चीन का मुकाबला कर सकें और अपने क्षेत्रों की रक्षा कर सकें।