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धर्मशाला। सीटीए अध्यक्ष डॉ. लोबसांग सांगेय ने आज दोपहर प्रेसवार्ता में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए किए गए ताजा उपायों पर जानकारी दी।
तिब्बती मठों, भारत- नेपाल- भूटान के स्कूलों और वृद्धाश्रमों और साथ ही मध्य और क्षेत्रीय कार्यालयों में सीटीए कार्यबल के लिए जारी दिशा-निर्देशों के अलावा राष्ट्रपति ने लोगों के लिए कड़े स्वास्थ्य निर्देशों की घोषणा की।
सबसे पहले, उन्होंने भारत में रह रहे सभी तिब्बतियों को सलाह दी कि वे जिन राज्यों में हैं, उन राज्यों के भीतर या बाहर यात्रा करने से बचें। विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में, जहां लॉकडाउन प्रभावी है। भारत भर के सभी तिब्बतियों से आग्रह है कि वे संबंधित राज्य सरकारों द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
राष्ट्रपति ने कहा “सभी तिब्बती जो अन्य राज्यों या देशों से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करना चाह रहे हैं, उन्हें सूचित किया जाता है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए किसी भी अंतर-राज्यीय या राज्य के भीतर आवागमन को सख्ती से प्रतिबंधित कर रखा है। इस आदेश का उल्लंघन करने वाला कोई भी व्यक्ति कानून के प्रावधानों के अनुसार दंडित किया जाएगा।”
दूसरे, केंद्र सरकार के सामाजिक दूरी बनाए रखने के आदेश के तहत राष्ट्रपति सांगेय ने घोषणा की कि सीटीए मुख्यालय में भी घर से काम करने का शासनादेश को लागू किया गया है।
यह नया उपाय कार्मिक और लोक शिकायत मंत्रालय, भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुसार है कि “ग्रुप बी और ग्रुप सी के आधे कर्मचारियों का हर दिन कार्यालय आना आवश्यक है और शेष 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे। कर्मचारियों के काम के घंटे बदल दिए गए हैं। केंद्र सरकार के अधिकारी, जो खास दिन पर घर से काम कर रहे हैं, रोस्टर के अनुसार हर समय टेलीफोन और इलेक्ट्रॉनिक साधनों पर उपलब्ध रहेंगे। अगर उन्हें किसी जरूरी काम से बुलाया जाए तो उन्हें कार्यालय में उपस्थित होना होगा।
तीसरे, राष्ट्रपति ने कहा कि धर्मशाला और उसके आसपास के तिब्बती लोग जो किसी भी कारण से सीटीए मुख्यालय से संपर्क करना चाहते हैं, उन्हें फोन कॉल या ईमेल के माध्यम से ऐसा करना चाहिए। लॉकडाउन के साथ, सभी तिब्बतियों को जब तक कि बिल्कुल आवश्यक न हो, सीटीए मुख्यालय में खुद आने और उपस्थिति दर्ज कराने से बचने के लिए कहा जाता है।
जनता को टेलीफोन, ईमेल के माध्यम से अपनी चिंताओं को संप्रेषित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और परेशानी मुक्त संचार की सुविधा के लिए सीटीए कार्यालयों की पूरी संपर्क निर्देशिका यहां प्रदान की जाती है।
कांगड़ा और अन्य स्थानों पर जहां लॉकडाउन पूरी तरह से है या नहीं है, इस संबंध में सार्वजनिक भ्रम को दूर करते हुए राष्ट्रपति सांगेय ने स्पष्ट किया कि केंद्र और जिले दोनों के सरकारी कार्यालयों में घर से काम करने के नए दिशा-निर्देशों के तहत 50 प्रतिशत कर्मचारियों से चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सीटीए के कार्यालय भी अगले निर्देशों तक उसी दिशा-निर्देश के तहत काम करेंगे। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक स्थान बंद रहेंगे और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार, अंतर्राज्यीय और राज्य के अंदर के आवागम को स्थगित रखा जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को कानून के प्रावधानों के अनुसार दंडित किया जाएगा।
अपनी चिंताओं को उजागर करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कांगड़ा में कोविड-19 संक्रमण के दो पुष्ट मामले पाए गए हैं और जब तक कि महामारी का प्रसार रुक न जाता हो, तिब्बती समुदाय को अत्यंत सावधानी बरतने और सख्त सामाजिक दूरी और अलगाव बनाकर रखने के लिए सतर्क किया जाता है।
डॉ.सांगेय ने कहा कि वर्तमान में इस अत्यधिक संक्रामक बीमारी के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव सामाजिक दूरी बनाकर रखना ही है।
उन्होंने कहा कि “हम सभी इटली में भयावह स्थिति को देख चुके हैं। वहां सात सप्ताह पहले सकारात्मक मामलों की संख्या 3 थी। वहां अब संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 60,000 हो चुकी है और 5000 से अधिक लोग मारे गए हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकना सामाजिक जिम्मेदारी है और यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए, क्योंकि यह बिल्कुल खतरनाक मुद्दा है।
दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत में अब तक कोरोना वायरस महामारी अपना भयानक रूप दिखाने से बचा हुआ है, इसका सामुदायिक संक्रमण की अभी भी बहुत कम है या न के बराबर है और सबसे अधिक प्रभावित मामले पहले से प्रभावित देशों से संक्रमित होकर ही आए हैं।
हालांकि, सप्ताहांत तक मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि देखी गई जिसने देश के 80 शहरों और जिलों में 31 मार्च तक लॉकडाउन लागू करने के लिए विभिन्न राज्यों की सरकारों को मजबूर कर दिया।
महामारी से निपटने में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उठाए गए मजबूत कदमों के बाद सीटीए ने भारत, नेपाल और भूटान में तिब्बती समुदाय के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके केंद्रीय और क्षेत्रीय कार्यालयों और सभी लोगों को भारत सरकार और इसके राज्य सरकारों द्वारा जारी किए गए आदेश और निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया है।