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नई दिल्ली। भारत में तिब्बत समर्थक समूहों की शीर्ष संस्था- कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज ने गुरुवार २४ फरवरी २०२२ को भारत-तिब्बत समन्वय केंद्र (आईटीसीओ) के समन्वय में अपने सदस्यों की एक वर्चुअल बैठक आयोजित की। कोर ग्रुप की इस बैठक का मुख्य एजेंडा भारत में तिब्बत समर्थक समूहों द्वारा तिब्बती मुद्दे के संबंध में चल रहे अभियानों और परियोजनाओं को पुनर्गठित करना था। इसके अलावा, उप एजेंडे में प्रशासनिक स्थिति के बारे में नवीनतम ताजा जानकारियों से अवगत कराना था।
बैठक की शुरुआत करते हुए आईटीसीओ के कार्यक्रम अधिकारी छुनी छेरिंग ने कोविड महामारी के प्रकोप के बाद से दुनिया भर में आए बदलाव पर प्रतिभागियों को अवगत किया। साथ ही उन्होंने २०२० में गलवान की घटना के बाद से चीन-भारत संबंधों में अहम मोड़ और लगातार पीएलए सैनिकों की घुसपैठ का प्रयास चीन की बुरी मानसिकता के बारे में बताया और भारत सहित दुनिया के कई देशों द्वारा बीजिंग- २०२२ के शीतकालीन ओलंपिक के हालिया राजनयिक बहिष्कार के बारे में जानकारी साझा की।
उन्होंने आगे तिब्बत के अंदर की गंभीर स्थिति पर प्रकाश डाला। हाल ही में चीनी पुलिस द्वारा तिब्बत के ड्रैकगो में ९९ फीट की बुद्ध प्रतिमा और ४५ विशाल प्रार्थना-चक्रों को नष्ट करने, तिब्बतियों को गलत तरीके से हिरासत में लेने, भिक्षुओं और भिक्षुणियों को कैद करने और जेलों में यातना देने जैसे मुद्दों पर भी बैठक में चिंता जताई गई।
आईटीसीओ के उप समन्वयक तेनज़िन जॉर्डन ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान यानी अप्रैल- २०२१ से आईटीसीओ और तिब्बत समर्थक समूहों द्वारा की जा रही गतिविधियों, अभियानों और कार्यक्रमों के बारे में सदस्यों को जानकारी दी।
इसके बाद कोर ग्रुप के सदस्यों ने पिछले कुछ महीनों के दौरान अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में उनके द्वारा की गई गतिविधियों और कार्यक्रमों के बारे में व्यक्तिगत रूप से जानकारी दी और तिब्बती मुद्दे को मजबूत करने के लिए भविष्य में उनके द्वारा की जाने वाली योजनाओं और कार्यक्रमों को भी रखा। समन्वयक जिग्मे त्सुल्ट्रिम ने सभी सदस्यों को तिब्बती मुद्दे के लिए उनके समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद दिया और अपना तबादला नए कार्यालय में होने के बारे में सूचित किया। उन्होंने तिब्बत मुक्ति साधना की इस यात्रा में सदस्यों के साथ अपने जुड़ाव के बारे में साझा किया और उनसे तिब्बती मुद्दे के लिए अपनी भावना को जीवित रखने का अनुरोध किया। उसी समय, उन्होंने नए समन्वयक छेरिंग त्सोमो से सदस्यों का परिचय कराया जो तिब्बत कार्यालय, लंदन से विशेष आमंत्रित के रूप में बैठक में शामिल हुई थीं।
छेरिंग त्सोमो ने सदस्यों के सामने अपना एक संक्षिप्त परिचय दिया और बताया कि वह सभी सदस्यों के साथ अपनी नई जिम्मेदारी को लेकर काम करने के लिए उत्सुक हैं। सीजीटीसी-आई के राष्ट्रीय सह-संयोजक श्री सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व में सदस्यों ने तिब्बत मुक्ति साधना की यात्रा के दौरान मार्गदर्शन, समर्थन और सहयोग के लिए समन्वयक जिग्मे त्सुल्ट्रिम को हार्दिक धन्यवाद दिया। उन्होंने तिब्बती हित के लिए सभी भारतीय तिब्बत समर्थक समूहों को एक साथ लाने के उनके अथक कार्य और प्रयासों की सराहना की और उन्हें उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं।
सदस्यों ने नए समन्वयक छेरिंग त्सोमो को बधाई दी और गर्मजोशी से स्वागत किया तथा उनकी नई भूमिका और जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं। अंत में उप समन्वयक तेनज़िन जॉर्डन ने बैठक में भाग लेने के लिए सभी सदस्यों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने छेरिंग त्सोमो को अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद बैठक में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया।