tibet.net / धर्मशाला।केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के धर्म और संस्कृति विभाग ने चीनी सरकार के खिलाफ १९८९ के विरोध- प्रदर्शन में भाग लेने वाले शांतिपूर्ण तिब्बती प्रदर्शनकारियों द्वारा दिए गए बलिदानों को याद करने और उनका सम्मान करने के लिए एक घंटे की प्रार्थना सभा का आयोजन किया।
प्रार्थना सभा का आयोजन केंद्रीय तिब्बती प्रशासन द्वारा कार्यवाहक मुख्य न्यायिक आयुक्त कर्मा दादुल, निर्वासित तिब्बती संसद के अध्यक्ष खेनपो सोनम तेनफेल, सिक्योंग पेन्पा छेरिंग, न्यायिक आयुक्तों, कलोंन और सीटीए के वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में किया गया।
०८ मार्च १९८९ को चीनी सरकार ने हजारों शांतिपूर्ण तिब्बती प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए मार्शल लॉ लागू कर दिया था। इन प्रदर्शनकारियों में भिक्षु, भिक्षुणियां और आम लोग शामिल थेजो चीनी अधिकारियों के विरोध में सड़कों पर उतर आए थे। इस दिन को तिब्बत के राजनीतिक इतिहास में सबसे दुखद क्षण माना जाता है क्योंकि सरकारी दमन में अनेक तिब्बती मारे गए थे। मार्शल लॉ के दमन में अनेक प्रदर्शनकारी अपंग हुए और कई कैद कर लिए गए थे। तब से हर साल सीटीए ०८ मार्च को प्रार्थना सभा का आयोजन करता है ताकि उन तिब्बती हमवतनों को याद किया जा सके और उन्हें श्रद्धांजलि दी जा सके,जिन्होंने तिब्बत के लिए अपने जीवन और अंगों को बलिदान कर दिया।
प्रार्थना सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने कहा, ‘इस वार्षिक प्रार्थना सभा के माध्यम सेहम शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के बलिदानों को याद करते हैं और हम उनके साथ अपनी हार्दिक एकजुटता व्यक्त करते हैं। जब हम इस घटना का स्मरण करते हैं तो साथ ही में हम यह भी याद करते हैं कि तिब्बत अब भी गंभीर स्थिति में है और तिब्बतियों को शृंखलाबद्ध दमनकारी उपायों से दबाया जा रहा है।‘सिक्योंग ने लंबे समय से चले आ रहे चीन-तिब्बत संघर्ष को हल करने के लिए अपने प्रशासन की दृढ़ प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
सिक्योंग ने हाल ही में परम पावन के साथ अपनी व्यक्तिगत मुलाकात के दौरान परम पावन दलाई लामा द्वारा की गई शुभ भविष्यवाणी का भी उल्लेख किया। परम पावन की वह शुभ भविष्यवाणी इस वर्ष तिब्बत और चीन की यात्रा करने की उनकी चिरस्थायी इच्छा के लिए अनुकूल और आशापूर्ण होने का संकेत देती है। इसी तरह, परम पावन ने इस वर्ष तिब्बत की यात्रा करने की गहरी इच्छा व्यक्त की है। सिक्योंग ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा,‘हमें आशावान और आश्वस्त रहना चाहिए कि हमारा संघर्ष सफल होगा।‘