
धर्मशाला। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने आज २६ जनवरी २०२५ की सुबह गंगचेन क्यिशोंग में भारत का ७६वां गणतंत्र दिवस मनाया। भारत में गणतंत्र दिवस १९५० में संविधान लागू होने की याद में मनाया जाता है। इस वर्ष का गणतंत्र दिवस विशेष महत्व रखता है, क्योंकि भारतीय संविधान को अपनाने के ७५ साल पूरे हो रहे हैं। इस वर्ष का थीम रखा गया था- ‘स्वर्णिम भारत – विरासत और विकास’।
इस समारोह में शिक्षा विभाग की कलोन (मंत्री) प्रभारी सिक्योंग थारलाम डोल्मा चांगरा, डिप्टी स्पीकर डोल्मा शेरिंग तेयखांग, सुरक्षा विभाग (डीओएस) की कलोन डोल्मा ग्यारी, सूचना और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग (डीआईआईआर) की कलोन नोरज़िन डोल्मा, सांसद शेरिंग यांगचेन और सीटीए सचिवों सहित वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
ध्वजारोहण समारोह के बाद कार्यवाहक सिक्योंग कलोन थरलाम डोल्मा चांगरा ने मीडिया को संबोधित किया और तिब्बती लोगों की ओर से भारत सरकार और लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
अपने संबोधन में कलोन थरलाम डोल्मा ने कहा, ‘प्रत्येक वर्ष २६ जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस उस दिन का प्रतीक है, जब भारत ने १९५० में अपना संविधान अपनाया था। यह अत्यधिक राष्ट्रीय गौरव का दिन है, जो भारत की लोकतांत्रिक नींव और संविधान में दिए गए न्याय, स्वतंत्रता और समता के मूल्यों का प्रतीक है।
उन्होंने निर्वासित तिब्बतियों और तिब्बत के अंदर रहने वाले तिब्बतियों की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘हम तिब्बती लोग, इस शुभ अवसर पर भारत सरकार और उसके लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। परम पावन १४वें दलाई लामा ने हमेशा हमें भारत के प्रति उसके अटूट समर्थन और निर्वासित तिब्बती समुदाय की मेजबानी के लिए अपना आभार व्यक्त करने की याद दिलाई है।’
कलोन थारलाम डोल्मा ने भारत की लोकतांत्रिक परंपरा पर प्रकाश डाला और कहा कि ‘भारत पड़ोसी देशों के लिए लोकतंत्र का एक बेहतरीन उदाहरण है। स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से भारत ने नेतृत्व के सुचारु परिवर्तन और अपने संविधान के विकास को देखा है, जिससे समावेशिता और प्रगति सुनिश्चित हुई है।’ उन्होंने विविधता में भारत की एकता की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘अपनी विशाल आबादी, अपने राज्यों में विविध भाषाओं, धर्मों और संस्कृतियों के साथ, भारत लोकतंत्र की सुंदरता का उदाहरण है और भारत को इस परंपरा को बनाए रखने में गर्व होना चाहिए।’
समारोह का समापन सभी उपस्थित लोगों को चाय और डोनट्स परोसने के साथ हुआ। इससे एक गर्मजोशी भरा और उत्सवी माहौल बना और तिब्बती समुदाय ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारत के प्रति अपना आभार और एकजुटता व्यक्त की।

