नवभारत टाइम्स, 28 जुलाई 2015
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे.अब्दुल कलाम के निधन पर संवेदना जताते उन्हें एक वास्तविक सज्जन करार दिया। नोबेल पुरस्कार विजेता ने एक बयान में कहा, ‘कल शाम आपके पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे.अब्दुल कलाम के अचानक निधन की खबर सुनकर मुझे बेहद दुख हुआ। यह अपूरणीय क्षति है। वह न केवल एक महान वैज्ञानिक, शिक्षाविद् तथा राजनेता थे, बल्कि इन सबसे ऊपर वे एक वास्तविक सज्जन थे।’
उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि कई मौकों पर उन्हें उनसे बात करने का मौका मिला और उनकी सरलता व विनम्रता की सदा प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘साझा हित के व्यापक मुद्दों पर मैं उनके साथ चर्चा का लुत्फ उठाया करता था, लेकिन ये मूलत: विज्ञान, आध्यात्मिकता तथा शिक्षा पर आधारित होते थे।’
इस दुखद समय में मैं उनके परिवार व देश के लोगों के प्रति संवेदना व प्रार्थना करता हूं। उल्लेखनीय है कि साल 1959 में तिब्बत छोड़ने के बाद से ही दलाई लामा भारत में रह रहे हैं। निर्वासित तिब्बती प्रशासन का कार्यालय धर्मशाला में है।