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प्रिटोरिया, दक्षिण अफ्रीका। दक्षिण अफ्रीका स्थित तिब्बत कार्यालय ने ‘अफ्रीका में तिब्बत बचाव पहल’, ‘दक्षिण अफ्रीका में तिब्बत सोसाइटी’ और ‘तिब्बत समर्थक समूह, केप टाउन’ समेत विभिन्न तिब्बत समर्थक समूहों के सहयोग से २४ फरवरी २०२२ को एक वेबिनार का आयोजन किया, जिसका शीर्षक था- तिब्बत क्यों मायने रखता है?’ इसे तिब्बत टीवी द्वारा अपने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से लाइव-प्रसारण किया गया था।
इस वेबिनार को प्रसिद्ध कनाडाई पत्रकार, लेखक और मेल्टडाउन इन तिब्बत जैसे कई पुस्तक के लेखक माइकल बकले और वरिष्ठ तिब्बती राजनयिक तथा परम पावन दलाई लामा के पूर्व विशेष दूत केल्सांग ग्यालत्सेन ने संबोधित किया था। अपने संबोधन में माइकल बकले ने पूरे तिब्बती पठार पर नियंत्रण स्थापित कर लेने वाली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार के साथ कई दशकों के अपने प्रत्यक्ष अनुभवों से प्राप्त अपनी अंतर्दृष्टि साझा की।
माइकल ने एशियाई उपमहाद्वीप के लिए तिब्बत के पर्यावरणीय महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कैसे चीन दीर्घकालिक पारिस्थितिक स्थिरता पर विचार किए बिना तिब्बत के मीठे पानी के संसाधनों और खनिज भंडार का दोहन कर रहा है।
पूर्व विशेष दूत केलसांग ग्यालत्सेन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऐतिहासिक रूप से तिब्बत कभी भी चीन का हिस्सा नहीं रहा, हालांकि यह मंगोल और मंचू साम्राज्यों में अलग-अलग रूप में चीन के राजनीतिक प्रभावों के तहत आया था। इसलिए, तिब्बत पर चीनी कब्जा अंतरराष्ट्रीय कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है और तिब्बतियों द्वारा प्रस्तुत की गई मध्यम मार्ग नीति के माध्यम से तिब्बती मुद्दे को हल कराने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एक बड़ी जिम्मेदारी बनती है।
लगभग आधे घंटे के वेबिनार के दौरान इस बात पर भी गौर किया गया कि वेबिनार की कार्यवाही को कुछ दुर्भावनापूर्ण और बीमार मानसिकता के लोगों द्वारा हैक करने की कोशिश की गई और इसे काफी परेशान करने, प्रस्तुति पर अश्लील तस्वीरें डालने के कुत्सित कृत्यों द्वारा बाधित किया गया। हमारे मन में कोई संदेह नहीं है कि इन बकवासों के पीछे कौन था, लेकिन हम अपराधियों की ऐसी घृणित हरकतों और मानसिकता से प्रभावित नहीं हुए।
वेबिनार लगभग पांच मिनट के बाद एक नए जूम लिंक पर जारी रहा और जीवंत प्रश्नोत्तर सत्र के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। बेविनार के समापन पर प्रतिनिधि न्गोडुप दोरजी ने वेबिनार के उद्घाटन और समापन पर संक्षिप्त टिप्पणी की।