tibet.net / १९ अप्रैल, २०२३
धर्मशाला। कैनबरा स्थित तिब्बत सूचना कार्यालय के निमंत्रण पर धर्मशाला का दौरा कर रहे ‘ऑस्ट्रेलियन ऑल पार्लियामेंट्री ग्रुप फॉर तिब्बत’ के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने तिब्बती लोगों के प्रति अपना समर्थन और तिब्बत की अनूठी विशेषताओं और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के चीनीकरण अभियान से खतरे में पड़ गई सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में अपनी रुचि व्यक्त करने के लिए एक प्रेस कांफ्रेंस की।
डीआईआईआर सचिव कर्मा चोयिंग ने प्रेस कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए मेहमान प्रतिनिधिमंडल की सराहना की और मीडिया के लिए सांसदों और सीनेटर, अर्थात् सांसद शेरोन क्लेडन (प्रतिनिधि सभा के उपाध्यक्ष), सीनेटर जेनेट राइस, सांसद सोफी स्कैम्प्स और सांसद सुसान टेम्पलमैन का परिचय कराया।
निर्वासित तिब्बती सरकार के नेतृत्व के साथ मुलाकात और धर्मशाला में सरकारी और गैर-सरकारी दोनों संस्थानों के अभी तक के दौरे के अपने सार्थक अनुभव को याद करते हुए प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख नेताओं में से एक सांसद सुसान टेम्पलमैन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया ने माना है कि वास्तविक चुनौतियां हैं। तिब्बत में तिब्बतियों और उनकी संस्कृति, शिक्षा, भाषा और तिब्बती जीवन पद्धति पर खतरे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि यात्रा का उनका लक्ष्य तिब्बत के लिए सर्वदलीय संसदीय मैत्री समूह का प्रतिनिधित्व करने के नाते ‘उन मुद्दों के बारे में गहराई से जानकारी प्राप्त करना और यह देखना है कि हम सहायता करने में कितने सक्षम हो सकते हैं और ऑस्ट्रेलियाई मित्र के रूप में क्या कर सकते हैं?
सांसद सुसान टेम्पलमैन के बाद सीनेटर जेनेट राइस ने तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अपनी और अपने सहयोगियों की सामूहिक चिंताओं को उठाया। जैसे कि चीनी आवासीय स्कूलों में बच्चों को भेजने के लिए तिब्बती अभिभावकों को मजबूर करने को लेकर चिंता। उन्होंने कहा, ‘यहाँ धर्मशाला में तिब्बती लोगों के साथ बैठकों के माध्यम से आशा और प्रेरणा की भावना प्राप्त करना अद्भुत रहा है। इसके अलावा, उन्होंने वाशिंगटन में तिब्बत पर विश्व सांसदों के आठवें सम्मेलन के दौरान सिक्योंग पेन्पा छेरिंग और डिप्टी स्पीकर डोल्मा छेरिंग तेखांग के साथ अपनी मुलाकात को याद किया और उन्हें फिर से मिलने को ‘पुराने दोस्तों से मिलने’ के रूप में परिभाषित किया। अपनी टिप्पणी समाप्त करने से पहले सीनेटर ने सुनिश्चित किया कि ‘जब हम ऑस्ट्रेलिया लौटेंगे तो हम तिब्बत के लोगों को न्याय दिलाने के लिए अथक प्रयास करना जारी रखेंगे।’ राइस ऑस्ट्रेलिया में तिब्बती लोगों को रहने की समय सीमा बढ़ाने की वकालत कर रही हैं।
ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधि सभा के उपाध्यक्ष सांसद शेरोन क्लेडन ने निर्वासित तिब्बती संसद की उपाध्यक्ष से मिलकर और अच्छी तरह से चल रही तिब्बती लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। चुनौतियों से भरी असामान्य स्थिति के तहत असाधारण संचालन के लिए केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की सराहना करते हुए उन्होंने इसे ‘अपनी यादगार में लोकतंत्र में सबसे असाधारण नवाचार के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने तिब्बती सांसदों और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में छिटपुट रूप से रहने के बावजूद सक्रिय भागीदारी और लोकतंत्र में भागीदारी के लिए दुनिया भर में फैले तिब्बतियों को अपनी आदरांजलि अर्पित की और कहा, ‘यह लोकतंत्र का एक बेहद सफल मॉडल है’। उन्होंने आगे ‘तिब्बती लोगों की असाधारण भावना और विनम्रता’ की सराहना की।
सिडनी से सांसद के तौर पर अपने मतदाताओं में बड़े और जीवंत रूप से तिब्बती समुदाय को फलते-फूलते देखकर खुद गौरवान्वित होने के क्षणों को याद करते हुए सांसद सोफी स्कैम्प्स ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा तिब्बती समुदाय को प्रदान की जाने वाली निरंतर सुरक्षा की मांग पर अपनी सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने दो संस्कृतियों के बीच मानवाधिकारों, स्वतंत्रता, सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकारों के साझा सिद्धांतों को भी दोहराया।
संवाददाता सम्मेलन के समापन से पहले वक्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया में तिब्बतन पॉलिसी एंड सपोर्ट ऐक्ट को पारित करने की संभावना और तिब्बत के लिए एक विशेष समन्वयक की नियुक्ति के मुद्दों पर मीडिया के सवालों का जवाब दिया। साथ ही इन मुद्दों को ऑस्ट्रेलियन ऑल पार्लियामेंट्री ग्रुप फॉर तिब्बत के सदस्यों के बीच चर्चा के लिए प्रस्तावित करने का प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने आश्वासन दिया। इसी तरह उन्होंने एक दिन पहले बैठक के दौरान परम पावन दलाई लामा के साथ जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की, उन्हें साझा किया।
प्रेस कांफ्रेंस में प्रतिनिधिमंडल के साथ एटीसी के कार्यकारी अधिकारी ज़ो बेडफोर्ड और प्रतिनिधि कर्मा सिंगे भी थे। सीटीए के प्रवक्ता और डीआईआईआर के अतिरिक्त सचिव तेनज़िन लेक्शे के धन्यवाद ज्ञापन के साथ यह प्रेस कांफ्रेंस समाप्त घोषित की गई।