tibet.net / धर्मशाला।०१ मार्च को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के उच्चस्तरीय खंड में ऑस्ट्रेलिया के सहायक विदेशमंत्री टिम वाट्स द्वारा दिए गए एक बयान में उन्होंने तिब्बत में शैक्षिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई अधिकारों और स्वतंत्रता के क्षरण के बारे में चिंता व्यक्त की। इसी तरह उन्होंने अफगानिस्तान और उत्तर कोरिया में तालिबान द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
सहायक विदेश मंत्री टिम वाट्स ने अपने बयान में कहा,‘ऑस्ट्रेलिया मानता है कि किसी भी देश का मानवाधिकार रिकॉर्ड सही नहीं है। लेकिन साथ ही कोई भी देश अपने मानवाधिकार दायित्वों की निष्पक्ष जांच से ऊपर नहीं है। इस मामले में जहां हम पिछड़ते हैं, वहां स्थिति को स्वीकार करके उन्हें बेहतर करने का कठोर प्रयास करते हैं,न कि संदेशवाहक पर हमला करते हैं।‘ उन्होंने एक ऐसी शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध दुनिया के निर्माण का सामान्य लक्ष्य बताया,जहां हर व्यक्ति को अपने मानवाधिकारों का आनंद लेने की अनुमति होगी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रक्रिया जनादेश धारकों और सभी देशों को भी ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने का निमंत्रण दिया।