tibet.net,२४ जुलाई, २०२१
चीन पर अमेरिका की द्विसदनीय और द्विदलीय कार्यकारी आयोग के अध्यक्ष (वाशिंगटन) सीनेटर जेफ मर्कले (डेमोक्रेट-ओआर) और कोच रिप्रेजेंटेटिव जेम्स पी. मैकगवर्न (डी-एमए) ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाख को एक पत्र जारी किया। उन्होंने पत्र में लिखा है कि अगर मेजबान चीनी सरकार मानवाधिकारों के घोर हनन को समाप्त नहीं करती है तो २०२२ बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक को स्थगित किया जाए और उन्हें स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने कहा कि ‘कोई भी ओलंपिक उस देश में आयोजित नहीं किया जाना चाहिए जिसकी सरकार नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करने में लिप्त है।’ आयोग के अध्यक्ष के इस पत्र पर बाद में सीईसीसी आयुक्तों- सीनेटर मार्को रुबियो (आर-एफएल) और प्रतिनिधि क्रिस्टोफर स्मिथ (आर-एनजे) ने भी अपनी स्वीकृति दे दी। ये दोनों भी पूर्व मे सीईसीसी अध्यक्ष रह चुके हैं।
सीईसीसी आयुक्तों ने कहा, ‘यह कार्रवाई एथलीटों के सर्वोत्तम हित में भी होगी।’ उन्होंने कहा कि ‘हमें आईओसी में यह देखना अनुचित लगता है कि एथलीटों को अपने प्रतिस्पर्धी से आगे निकलने के लिए अपने विवेक का त्याग करने के लिए मजबूर किया जाए, या विवेक का त्याग कर खेलों में जीता जाए।’
सीईसीसी ने २०१८ में आईओसी से झिंझियांग-उग्यूर स्वायत्त क्षेत्र (एक्सयूएआर) में उग्यूर, कज़ाख और अन्य मुस्लिम नस्लीय अल्पसंख्यकों को निशाने पर लेकर बड़े पैमाने पर उनकी नजरबंदी और उनके साथ अन्य दुर्व्यवहारों को समाप्त करने में मदद करने के लिए चीनी सरकार के साथ अपने विशेष संबंधों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया था। उस समय से एक्सयूएआर में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी। हालांकि, आईओसी ने सीईसीसी के २०१८ के उस पत्र का आधिकारिक रूप से कभी जवाब नहीं दिया।
सीईसीसी मंगलवार २७ जुलाई, २०२१ को द ओलंपिक पार्टनर (टीओपी) कार्यक्रम को प्रायोजित करनेवाली अमेरिकी कंपनियों के साथ मिलकर ‘बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक-२०२२ का कॉर्पोरेट प्रायोजन’ शीर्षक से एक सुनवाई करेगा। अगले हफ्ते की सुनवाई २०२२ बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक शृंखला में दूसरी सुनवाई होगी। मई में सीईसीसी ने टॉम लैंटोस मानवाधिकार आयोग के साथ संयुक्त रूप से ‘ चीन में ८४ का नरसंहार और ओलंपिक’ शीर्षक से एक सुनवाई की मेजबानी की थी।