दैनिक जागरण, 28 मार्च, 2012
नई दिल्ली। तिब्बत पर चीन के अधिकार के विरोध में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान आत्मदाह की कोशिश करने वाले युवक ने बुधवार को दमतोड़ दिया। बुरी तरह से झुलसे इस युवक का इलाज राममनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा था। राजधानी में चीन सरकार के विरोध में आत्मदाह की कोशिश की यह तीसरी घटना है। तिब्बत की आजादी की मांग को लेकर अबतक कम से कम 29 तिब्बती खुद को आग लगा चुके हैं। इनमें से अधिकतर बौद्ध भिक्षुक हैं। जामपेल इशी पहला तिब्बती है जिसकी स्वयं को आग के हवाले करने से भारत में मौत हुई है।
उल्लेखनीय है कि चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ के भारत दौरे का तिब्बती जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। तीन दिवसीय प्रदर्शन के दौरान यूथ तिब्बतियन काग्रेस द्वारा सोमवार को रामलीला मैदान से जंतर-मंतर तक रैली का आयोजन किया गया था। रैली के बाद जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन चल रहा था। उसी दौरान करीब 12 बजकर 20 मिनट पर जामपेल इशी ने जनता दल यूनाइटेड के कार्यालय के बाहर अपने ऊपर तेल डाल लिया और आग लगाकर भीड़ में घुस गया। उसे 80 फीसदी जली हालत में डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जैमयाग पिछले पांच साल से दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहा था।
यूथ तिब्बतियन कांग्रेस के एक सदस्य दोरजी ने बताया कि इस तरह की यह तीसरी घटना है। इसके पहले वर्ष 1994 में एक युवक ने ऐसा ही किया था और पिछले महीने भी एक युवक ने ऐसा ही किया था। दोरजी ने बताया कि तिब्बत में 30 लोग अब तक जान देने की कोशिश कर चुके हैं, जिनमें से 23 की जान जा चुकी है।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उसका इलाज कर रहे डाक्टर एल के मखीजा ने कहा कि 26 वर्षीय जामपेल इशी ने आज सुबह 7.30 बजे अंतिम सास ली।