abpnews, 1 फ़रवरी 2015
फरुखाबाद: तिब्बत के निर्वासित आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने आज कहा कि भले ही आतंकवाद आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरा हो, लेकिन उसे इस्लाम से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिये, क्योंकि सभी मुस्लिम आतंकवादी या उसके पोषक कतई नहीं हैं.
दलाई ने बौद्ध स्तूप ‘संकिसा’ में श्रीलंका, म्यामांर, कम्बोडिया, भूटान, जापान, ताईवान तथा कोरिया समेत 27 देशों के बौद्ध अनुयायियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यद्यपि भले ही आतंकवाद आज दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा हो, लेकिन उसे इस्लाम से जोड़कर देखा जाना उचित नहीं होगा, क्योंकि सभी मुस्लिम ना तो आतंकवादी हैं और ना ही उसके पोषक हैं.
उन्होंने भगवान बुद्ध की शांति और भाईचारे की प्रतिज्ञा लेने की अपील की. साथ ही महात्मा गांधी को याद करते हुए विश्व शांति के लिये आतंकवाद के खात्मे को भी जरूरी बताया.
आध्यात्मिक गुरु ने एक अन्य आयोजन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा अपनी हाल की भारत यात्रा के दौरान दी गयी उस नसीहत से अहमति जतायी जिसमें कहा गया था कि अगर भारत धार्मिक कट्टरता छोड़ दे तो वह ज्यादा प्रगति कर सकता है. उन्होंने कहा कि भारत में तो हमेशा से धार्मिक और साम्प्रदायिक सौहार्द रहा है. हिन्दुस्तानी पूरी दुनिया में इसके लिये विख्यात है.
दलाई ने चीन का जिक्र करते हुए कहा कि वह आर्थिक रूप से सम्पन्न देश है और उसके भारत के साथ सांस्कृतिक सम्बन्ध रहे हैं, लिहाजा उसे हिन्दुस्तान के साथ सहयोगात्मक रुख अपनाना चाहिये.
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