अमर उजाला, 30 अप्रैल, 2012
तिब्बत के निर्वासित आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा है कि तिब्बती चीन से पूर्ण आजादी की मांग नहीं कर रहे बल्कि वे अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए ‘पर्याप्त स्वायत्तता’ चाहते हैं। दलाई लामा ने शनिवार को यह बात ओटावा में मौजूद 7,000 से ज्यादा लोगों के बीच कही। उन्होंने तेज रफ्तार से बढ़ती चीनी अर्थव्यवस्था के साथ संबंधों और तिब्बतियों के मानवाधिकारों को लेकर संतुलन बनाने के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर की सराहना की।
उन्होंने कहा कि हार्पर ने चीन के साथ उनके देश के नजदीकी संबंधों को बहुत बेहतर तरीके से बनाकर रखा है। साथ ही उन्होंने अपने लोकतांत्रिक मूल्यों को भी बहुत बेहतर तरीके से बचाकर रखा है। उन्होंने मुझसे मुलाकात करके साहस दिखाया है, इसलिए मैं इस बात से बहुत खुश हूं।
दलाई लामा ने चीन के साथ संबंधों को बरकरार रखने के लिए कनाडा को प्रोत्साहित किया। तिब्बती नेता ने कहा कि हार्पर से मुलाकात के दौरान उन्होंने इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि कनाडा ने 1000 तिब्बतियों को पांच साल के लिए उनके देश में रहने का प्रबंध किया। ये सभी 1000 लोग भारत से आए थे।