लंदन : वैश्विक मानवाधिकार निगरानी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि चीन सरकार ने तिब्बतियों समेत जातीय अल्पसंख्यकों पर निशाना साधा और शांतिपूर्ण तरीके से अपने विचार रखने वाले लोगों को परेशान किया.
एमनेस्टी इंटरनेशनल रिपोर्ट-2011 ‘द स्टेट ऑफ़ द वल्र्डस ह्यूमन राइट्स’जारी की गयी है जिसमें दावा किया गया है कि सरकार ने अपने विचार शांतिपूर्ण तरीके से व्यक्त करने, देश द्वारा अस्वीकार्य धार्मिक मत व्यक्त करने, लोकतांत्रिक सुधारों की वकालत करने तथा अन्य लोगों के अधिकारों का बचाव करने वाले लोगों पर मुकदमा चलाकर और जेल भेजकर प्रतिक्रिया दी.
ब्रिटेन आधारित संस्था की रिपोर्ट को महासचिव सलिल शेट्टी ने जारी करते हुए दावा किया,‘‘चीन के इंटरनेट फ़ायरवाल द्वारा लोकप्रिय सामाजिक मीडिया वेबसाइटों पर पाबंदी रही. अधिकारियों ने तिब्बतियों, उइघरों, मंगोलियनों और अन्य जातीय अल्पसंख्यक लोगों का दमन जारी रखा.’’
रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष तिब्बती विद्वानों को निशाना बनाने के मामले बढ़ रहे हैं और कला, प्रकाशन तथा संस्कृति के जानकार लोगों को मामूली आरोपों में कड़ी सजा दी जा रही है