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धर्मशाला। तिब्बत के ११वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा की ३३वीं जयंती के अवसर पर अमेरिकी विदेश विभाग ने सोमवार, ०२ अप्रैल को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर चीन से लापता पंचेन लामा के ठिकाने और कुशल-क्षेम की जानकारी देने की मांग की। न्यिमा को आखिरी बार १७ मई १९९५ को छह साल की उम्र में सार्वजनिक तौर पर देखा गया था।
एक ओर जहां तिब्बती और तिब्बत के मित्र उनके ३३वें जन्मदिन को मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर चीनी सरकार उनके गायब होने के पीछे की सच्चाई को छुपाना जारी रखे हुए है। चीन ११वें पंचेन लामा और उनके परिवार के ठिकाने से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी भी देने से इनकार करती रही है।
विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘आज ११वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा का ३३वां जन्मदिन है।वह १७ मई,१९९५ को मात्र छह साल की उम्र में पीआरसी अधिकारियों द्वारा अपहरण किए जाने के बाद से लापता हैं। पीआरसी उन्हें तिब्बती समुदाय के सदस्यों की पहुंच से दूर रख रहा है। दलाई लामा द्वारा चयनित पंचेन लामातिब्बती बौद्ध धर्म में दूसरे सबसे सम्मानित व्यक्ति हैं। चीन इसके बजाय एक सरकार द्वारा थोपे हुए पंचेन लामा को बढ़ावा देना जारी रखे हुए है।’
पंचेन लामा के जबरन गायब करने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए विदेश विभाग के प्रवक्ता ने चीन को जोर देकर कहा कि वह गेधुन चोएक्यी न्यिमा को पीआरसी की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुसार मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का पूरी तरह से प्रयोग करने का पूरा अधिकार प्रदान करे।
बयान के अंत में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका तिब्बतियों की धार्मिक स्वतंत्रता और उनकी अनूठी धार्मिक,सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का समर्थन करता है।इसमें तिब्बतियों को दलाई लामा और पंचेन लामा जैसे अपने स्वयं के धार्मिक नेताओं को सरकारी हस्तक्षेप के बिना अपनी मान्यताओं के अनुसार चुनने,शिक्षित करने और उनकी पूजा करने का अधिकार शामिल है।