tibet.net
बेंगलुरु। चेन्नई स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की महावाणिज्यदूत जूडिथ रविन ने शनिवार१३ अगस्त को अपने वाणिज्य दूतावास की कर्मचारी और जन संपर्क विशेषज्ञ- सुश्री वृंदा जयकांत के साथ बाइलाकुप्पे तिब्बती बस्ती में नामद्रोलिंग मठ का संक्षिप्त दौरा किया। साथ ही अपनी इस निजी यात्रा में प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण भारत के प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर और मुख्य कैथेड्रल का भी दौरा किया और पूजा-अर्चना की।
इससे पहले आगमन परमहावाणिज्य दूतावास प्रतिनिधियों का स्वागत मुख्य प्रतिनिधि अधिकारी श्री जिग्मे त्सुल्ट्रिम, बंदोबस्त अधिकारी श्री लोबसांग येशी और श्री चाइम दोरजी, लोपोन ग्युर्मे के सचिव और प्रबंध न्यासी आदरणीय टुल्कू चोदर, नामद्रोलिंग मठ के लोपोन तेनज़िन येशी और मद्रास विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. रामू मणिवन्नन ने किया।
अपनी संक्षिप्त बातचीत के दौरानसुश्री रविन ने मठ के इतिहास और इसके विकास के बारे में स्थानीय निवासियों के संबंध में पूछताछ की। उन्होंने यूएसएआईडी और पीआरएम द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं की प्रगति, तिब्बती निवासियों को उनके लाभ और भविष्य में इन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के तरीकों के बारे में भी पूछा।
प्रतिनिधिमंडल के सेटलमेंट से प्रस्थान से पहलेश्री त्सुल्ट्रीम ने मठ की यात्रा के लिए महावाणिज्य दूत को धन्यवाद दिया और तिब्बती लोगों और उनके संघर्ष के लिए अमेरिकी सरकार की ओर से अटूट समर्थन और एकजुटता के लिए भी आभार व्यक्त किया।