IBN Khabar, 8 सितम्बर 2014
बर्लिन। तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा है कि दलाई लामा चुनने की सदियों पुरानी परंपरा को अब खत्म कर दिया जाना चाहिए और उनके बाद किसी भी व्यक्ति को उनका उत्तराधिकारी बनाये जाने की जरूरत नहीं है।
दलाई लामा ने एक जर्मन अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि हमारे पास लगभग पांच सदी तक दलाई लामा रहें। चौदहवें दलाई लामा, वह स्वयं काफी लोकप्रिय हैं। इस परंपरा को लोकप्रिय दलाई लामा के साथ ही खत्म कर देना चाहिए। अगर कोई कमजोर व्यक्ति दलाई लामा बन जाएगा तो आध्यात्मिक गुरु की प्रतिष्ठा धूमिल होगी।
उन्होंने कहा कि तिब्बत में बौद्ध धर्म किसी एक व्यक्ति पर निर्भर नहीं है। हमारे पास बहुत अच्छा संगठनात्मक ढांचा है और कुशल और प्रशिक्षित भिक्षु एवं विद्वान हैं।
गौरतलब है कि दलाई लामा पहले भी कहते रहे हैं कि दलाई लामा का उद्देश्य पूरा हो चुका है और अब उन्होंने स्पष्ट रूप से यह कह दिया है कि उनके बाद दलाई लामा चुनने की जरूरत नहीं है।
तिब्बत पर 1951 से चीन का नियंत्रण है। 1959 में चीन के खिलाफ हुए विफल तिब्बती आंदोलन के बाद से दलाई लामा निर्वासित जीवन गुजार रहे हैं। उन्होंने 2011 में राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लिया और प्रधानमंत्री के कर्तव्यों में इजाफा कर दिया। इसके बावजूद वह तिब्बत के निवासियों और वहां से निर्वासित तिब्बतियों के सबसे ताकतवर प्रतिनिधि हैं।