News18, हिंदी, 10 मई, 2017
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में बुधवार को मैक्लोडगंज स्थित बौद्ध मंदिर में आयोजित सम्मान समारोह में अमरीकी सांसदों ने तिब्बत समस्या को लेकर अपनी बात रखी. इस दौरान तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि चीन हमारा शत्रु नहीं, लेकिन साथ ही साथ तिब्बत समस्या का हल निकालना जरूरी है.
81 वर्षीय तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने कहा कि हर समस्या का हल हिंसा और हथियार नहीं होता है.
अमरीकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी के नेतृत्व में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात की. दलाई लामा के मैक्लोडगंज स्थित आवास में हुई इस बैठक में तिब्बत के हालात पर चर्चा हुई.
दलाई लामा ने 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और नैंसी पेलोसी का हाथ थामकर कहा, “भारत मेरा दूसरा घर है. मैं भारत सरकार का बहुत लंबे समय से मेहमान हूं. ”
1959 से भारत में रह रहे हैं दलाई लामा
उन्होंने कहा कि वे तिब्बत और चीन में 400 मिलियन बौद्धों को याद कर भावुक हो जाते हैं. सन् 1959 में अपनी मातृभूमि छोड़कर आने के बाद से दलाई लामा भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में ही रह रहे हैं. भारत में करीब एक लाख तिब्बती भी निर्वासित जीवन बिता रहे हैं.
दलाई लामा ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के दौरे का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा, वैश्विक अर्थव्यवस्था, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों और मानव अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करना है.
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