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गुवाहाटी। परम पावन दलाई लामा को १९५९ में असम में बालीपारा स्थित अपने पैतृक गांव उदमारी में ले जाने वाले स्वर्गीय हवलदार नरेन चंद्र दास की श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने के बाद भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय के समन्वयक श्री जिग्मे त्सुल्ट्रिम ने वापस जाते समय असम की राजधानी गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर १० फरवरी, २०२२ को बीटीएसएम समेत फ्री तिब्बत- ए वॉयस फ्रॉम असम और असम स्थित अन्य तिब्बत समर्थक समूहों के सदस्यों और तिब्बत समर्थकों के साथ आयोजित बैठक में हिस्सा लिया।
इस बैठक में श्री सौम्यदीप दत्ता (कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज- इंडिया के क्षेत्रीय संयोजक और फ्री तिब्बत-ए वॉयस फ्रॉम असम के संयोजक), श्रीमती उर्वशी महंत (अध्यक्ष, बीटीएसएम असम), श्री रूपम बरुआ (लेखक और वरिष्ठ पत्रकार), श्री नवा ठाकुरिया (वरिष्ठ पत्रकार), श्रीमती नोवनिता शर्मा (समन्वयक, फ्री तिब्बत-ए वॉयस फ्रॉम असम), सदस्यों और व्यक्तिगत तिब्बत समर्थकों की उपस्थिति में आयोजित की गई थी।
बैठक के दौरान ‘फ्री तिब्बत-ए वॉयस फ्रॉम असम’ ने ब्रह्मपुत्र नदी के तट से अपना समाचार पत्र ‘त्सांगपो- सियांग- ब्रह्मपुत्र’ लॉंच किया। अंग्रेजी और असमिया भाषा में प्रकाशित होने वाला यह द्विभाषी समाचार पत्र इस जन मंच द्वारा अब तक की गई गतिविधियों और गतिशीलता की पैरोकारी का प्रतिनिधित्व करता है। यह गतिविधियां पूर्वोत्तर राज्यों में तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन के समर्थन में व्यापक सार्वजनिक सहभागिता के माध्यम से तिब्बती स्वतंत्रता के मुद्दों के बारे में आयोजित की जाती हैं। यह मंच असम और पूर्वोत्तर राज्यों में प्रभावी जागरूकता के माध्यम से एक जन आंदोलन को संगठित कर रहा है।
‘त्सांगपो- सियांग- ब्रह्मपुत्र’ फ्री तिब्बत – ए वॉयस फ्रॉम असम का समाचार पत्र भविष्य में भी असम और पूरे भारत के लोगों को तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ते रहने को प्रतिबद्ध है। फ्री तिब्बत-ए वॉयस फ्रॉम असम के संयोजक श्री सौम्यदीप दत्ता ने कहा कि शक्तिशाली ब्रह्मपुत्र से समृद्ध भूमि- असम ब्रह्मपुत्र के उद्गम स्थल तिब्बत को बचाने और मुक्त करने के लिए उठ खड़ा होगा।
बैठक के दौरान लेखक, वरिष्ठ पत्रकार और उत्साही तिब्बत समर्थक श्री रूपम बरुआ को सदस्यों द्वारा तिब्बती हित में लंबे योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
सदस्यों ने पूर्वोत्तर भारत में तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन को और मजबूत करने के लिए योजनाओं और कार्यक्रमों पर चर्चा की और विशेष रूप से तिब्बत से निकलने वालें ब्रह्मपुत्र नद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आने वाले दिनों में तिब्बत जागरूकता अभियान चलाने के लिए अरुणाचल प्रदेश के गेलिंग से असम में धुबरी तक साइकिल रैली की रूपरेखा पर चर्चा की।