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धर्मशाला। चीनी अधिकारियों द्वारा तिब्बती क्षेत्र में विध्वंसात्मक कार्रवाई जारी है। हाल ही में तिब्बत के खाम कर्ज़े के ड्रैकगो (चीनी: लुहुओ काउंटी) में एक विशाल बुद्ध प्रतिमा, ४५ विशाल प्रार्थना चक्रों और एक मठवासी स्कूल के विध्वंस के बाद दूसरी बुद्ध प्रतिमा को भी तोड़ दिया गया है। इसके अलावा, लगभग एक दर्जन तिब्बतियों को स्थानीय अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया और हिरासत में लिया गया है।
गिरफ्तार किए गए लोगों में से कई की पहचान उस समय नहीं की जा सकी। मनमाने ढंग से गिरफ्तार किए गए और हिरासत में लिए गए लोगों में ड्रैकगो मठ के मठाधीश पागा, उनके सहायक न्यिमा, इसी नाम के एक अन्य भिक्षु तेनज़िन न्यिमा और ताशी दोर्जे शामिल हैं। ये दोनों ड्रैकगो मठ से हैं। ल्हामो यांग्क्याब नामक एक स्थानीय मूर्तिकार और एक अन्य व्यक्ति नोरपा त्सेरिंग समदुप को भी अज्ञात कारणों से ले जाया गया और हिरासत में लिया गया। इसके अलावा, भिक्षु तेनज़िन न्यिमा को ‘उचित अभिव्यक्ति’ नहीं दिखाने के लिए पीटा गया और गंभीर रूप से प्रताड़ित किया गया।
पिछले महीने विध्वंस के अलावा, ड्रैकगो में स्थानीय अधिकारियों ने एक और बुद्ध प्रतिमा, ड्रैकगो मठ परिसर के अंदर स्थित ३० फुट ऊंची मैत्रेय प्रतिमा को भी ध्वस्त कर दिया है। हमारे सूत्रों ने बताया कि चीनी काउंटी के अधिकारियों ने दो बार कोशिश की, लेकिन भविष्य के बुद्ध, जेत्सुन जम्पा गोंपो (मैत्रेय बुद्ध) की मूर्ति को ध्वस्त करने में वे विफल रहे। बाद में, बड़े बुलडोजरों और जेसीबी की मदद से उन्होंने मूर्ति रखने वाले पूरे तीन मंजिला मंदिर को ध्वस्त कर दिया।’
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के आधिकारिक प्रवक्ता तेनज़िन लेक्षय ने इन घटनाओं पर टिप्पणी की, ‘खाम के ड्रैकगो में स्कूल, बुद्ध की मूर्तियों और प्रार्थना चक्रों के विध्वंस और बाद में चीनी अधिकारियों द्वारा तिब्बतियों की गिरफ्तारी और हिरासत के मामले तिब्बती संस्कृति, परंपरा और पहचान के प्रति चीन के आक्रामक रवैये की शो कास्ट हैं। यह धार्मिक स्वतंत्रता सहित मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन तिब्बत में चीन की चल रही अत्याचारी नीतियों की निंदा करता है।’
अक्तूबर में चीनी अधिकारियों ने ड्रैकगो मठ द्वारा संचालित एक स्कूल गैडेन नांगटेन को जबरदस्ती ध्वस्त कर दिया। उनका आरोप था कि स्कूल ने भूमि उपयोग कानून का ‘उल्लंघन’ किया है। दिसंबर में चीनी सरकार ने ९९ फुट ऊंची बुद्ध प्रतिमा और ड्रैकगो मठ के पास ४५ विशाल प्रार्थना-चक्रों को ध्वस्त कर दिया, प्रार्थना झंडे को हटा दिया और जला दिया।