tibet.net / धर्मशाला। चीनी अधिकारियों ने एक साल से पहले ही सेरशुल (चीनी: सिकू) काउंटी से तेनज़िन दरग्ये को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया था। लेकिन अब तक उनकी नजरबंदी और शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं बताया गया है।
सितंबर २०२० में तिब्बत के पारंपरिक खाम प्रांत के कर्ज़े स्थित बारोंग मठ से भिक्षु तेनज़िन दरग्ये (उम्र की पुष्टि नहीं हुई) को चीनी पुलिस द्वारा एक अन्य अज्ञात भिक्षु के साथ उस समय हिरासत में लिया गया था, जब उन्होंने तथाकथित ‘तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति’ की ७०वीं वर्षगांठ का उत्सव मनाने से मना कर दिया था। हमारे स्रोत के अनुसार, उन्हें वर्तमान में सेरशुल काउंटी डिटेंशन सेंटर में तनहाई हिरासत में रखा जा रहा है। कर्जे को अब सिचुआन प्रांत में शामिल कर लिया गया है।
हमारे स्रोत के अनुसार, दरग्ये ने तिब्बत की तथाकथित शांतिपूर्ण मुक्ति की ‘७०साल की सालगिरह नहीं होनी चाहिए’ कहकर बार-बार इस वर्षगांठ का पुरजोर विरोध किया था। हमारे सूत्र ने कहा कि यह व्यापक रूप से माना जाता है कि उन्हें चीनी सरकार द्वारा राजनीतिक रूप से संवेदनशील समझे जाने वाली जानकारी और लेखन को सोशल मीडिया पर साझा करने के लिए गिरफ्तार किया गया हो सकता है।
अज्ञात भिक्षु भी सेरशुल काउंटी में वोनपो टाउनशिप स्थित बारोंग मठ के हैं।
अन्य समाचार रिपोर्टों के अनुसार, दरग्ये को उनके मोबाइल फोन में परम पावन १४वें दलाई लामा के चित्र समेत समेत कई अन्य राजनीतिक रूप से संवेदनशील सामग्री पाए जाने के बाद पुलिस हिरासत में ले लिया गया। उसके साथ कई अन्य भिक्षुओं को भी गिरफ्तार किया गया हो सकता है। आरएफए ने एक सूत्र के हवाले से बताया, ‘उनकी गिरफ्तारी को अब एक साल से अधिक समय हो गया है, लेकिन उनके परिवार को अभी भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उन्हें कहां रखा गया है या उन पर अब तक मुकदमा चलाया जा चुका है या नहीं।’
उनके आस-पास की स्थिति अब और खराब हो गई है, क्योंकि न तो दरग्ये के स्वास्थ्य के बारे में समाचारों में कोई प्रगति हुई है और न ही उनकी कुशलता और ठिकाने के बारे में कोई खबर मिली है, जिससे हिरासत में उसकी स्थिति पर कई लोगों को गंभीर चिंता हो रही है।
परम पावन दलाई लामा के खिलाफ चीन के अभियान में हालिया उछाल और तिब्बतियों पर दमन के बीच दरग्ये तिब्बतियों की लंबी विस्तृत सूची में नवीनतम मामला है, जिसे चीनी सरकार द्वारा तनहाई हिरासत में रखा गया और जबरन गायब कर दिया गया था।