सैनिक नीमा तेनजिंग की स्मारक प्रतिमा
tibet.net
३० अगस्त, २०२१
धर्मशाला। सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने आज ३० अगस्त की सुबह ९ बजे सुरक्षा विभाग, सीटीए द्वारा सैनिक न्यिमा तेनजिंग की स्मारक प्रतिमा के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की। उनके साथ सचिव कर्मा रिनचेन, सुरक्षा विभाग के कर्मचारी और मीडियाकर्मी भी शामिल हुए।
एक दिन पहले लद्दाख के लेह और झांगथांग क्षेत्रों की अपनी आधिकारिक यात्रा के समापन के बाद यहां पहुंचे सिक्योंग ने समारोह के महत्व पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि शहीद न्यिमा तेनजिंग भारत-चीन सीमा विवाद के कारण एक साल पहले शहीद हो गए थे, जब वह ऊंचाइयों पर स्थित सीमाओं पर गश्त कर रहे थे। सूचना के अनुसार, एक बारूदी सुरंग पर पैर पड़ने के बाद न्यिमा तेनजिंग ने खुद का और अपने साथ ड्यूटी पर तैनात दो अन्य सैनिकों का जीवन बलिदान कर दिया।
सिक्योंग ने दिवंगत सैनिक के परिवार के सदस्यों के साथ अपनी बैठक की जानकारी दी। इस बार उनकी लद्दाख यात्रा के दौरान स्थानीय तिब्बती सभा के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने शहीद की प्रतिमा के अनावरण समारोह की व्यवस्था की थी।
भारतीय सेना के बैनर तले एकजुटता में लड़ रहे सभी बहादुर तिब्बती सैनिकों के सम्मान में सिक्योंग ने टिप्पणी की, ‘न्यिमा तेनजिंग भारत की सुरक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान करने वाले पहले व्यक्ति नहीं थे। १९७१ के भारत-पाकिस्तान युद्ध के अलावा कारगिल युद्ध के दौरान तिब्बती सैनिकों ने भारतीय सेना के लिए योगदान और बलिदान दिया है। स्वर्गीय न्यिमा तेनजिंग की स्मारक प्रतिमा उन सभी तिब्बती सैनिकों की याद में बनाई गई है जो भारत की सुरक्षा के लिए शहीद हो चुके हैं।’