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धर्मशाला। सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने प्रशासन में अपने पहले दिन गुरुवार को तेजी से कदम बढ़ाया और सीटीए कोविड-19 टास्क फोर्स के साथ बैठक कर भारत और नेपाल में तिब्बती समुदायों में कोविड -19 स्थिति की व्यापक समीक्षा की।
सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा था कि पद ग्रहण करने पर भारत और नेपाल में तिब्बती समुदायों में कोविड-19 महामारी से निपटना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रहेगा।
शुक्रवार को सिक्योंग ने धर्मशाला में तीन पृथकवास केंद्रों का दौरा किया। इनमें नेलेनखांग का कोविड केयर सेंटर, अपर टीसीवी और मैक्लोडगंज का कोविड-केयर सेंटर शामिल हैं। इनका प्रबंधन सेटलमेंट ऑफिस और तिब्बती युवा कांग्रेस द्वारा अग्रिम मोर्चे पर तैनात कोरोना योद्धाओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए संयुक्त रूप से किया जाता है।
बाद में उन्होंने डेलेक अस्पताल की नई एम्बुलेंस की उट्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता की और इसकी पहली सवारी को झंडी दिखाकर रवाना किया। गुरुवार तक भारत और नेपाल में तिब्बती समुदाय में कोरोना वायरस संक्रमण के 4385 नए मामले आए, 2942 मरीज ठीक हुए, 114 मौतें हुई और 1329 सक्रिय मामले दर्ज किए गए।
61वीं कोविड ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए डॉ त्सेरिंग त्सामचो ने इस सप्ताह 372 नए मामले दर्ज किए ( 210 पुरुष और 162 महिलाएं, जिसमें सबसे छोटा एक साल का बच्चा है और सबसे बड़ा 94 साल के बुजुर्ग है)। दुर्भाग्य से, इस सप्ताह मृत्यु दर बढ़कर 13 हो गई है।
टास्क फोर्स की कोविड प्रतिक्रिया की समीक्षा करते हुए उन्होंने साप्ताहिक पृथकवास केंद्र की स्थिति को अपडेट किया। वर्तमान में, 668 गृह पृथकवास में हैं और 643 संस्थागत पृथकवास में हैं। इस तरह कुल मिलाकर संख्या 1311 हो गई हैं।
इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने मेन-त्सी-खांग के साथ संयुक्त पहल में 35,798 इकाइयों के सोरिग इम्यून बूस्टर का वितरण किया।
मानसिक स्वास्थ्य समिति ने इस सप्ताह 103 कोविड रोगियों को टेली-काउंसलिंग प्रदान की है।
इस सप्ताह भारत और नेपाल में बड़े पैमाने पर परीक्षण हुए और 2086 तिब्बतियों का परीक्षण किया गया।
टीकाकरण अभियान में 17,409 तिब्बतियों को टीका लगाया गया, जिनमें 1333 अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता, 1874 सह-रुग्णता वाले, 7790 बुजुर्ग 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले, 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले 5532 और 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले 880 तिब्बती शामिल हैं।
डॉ. त्साम्चो ने जनता से एहतियाती उपायों का पालन करते रहने की अपील की। उन्होंने जनता से टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराने और डिजिटल रूप से निरक्षर लोगों को ऐसा करने में मदद करने का भी आग्रह किया।
डॉ. तेनज़िन त्सुंड्यू ने लोगों को बिना किसी डर या शंका के लक्षणों की थोड़ी सी भी भनक मिलने पर परीक्षण कराने के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि अगर कोविड -19 की पॉजिटिव जांच रिपोर्ट आती है तो उपरोक्त मानकों को अपनाने से तेजी से स्वस्थ होने की दर बढ़ेगी।
उन्होंने सलाह दी कि जो लोग कोविड -19 से संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हुए हैं, उन्हें भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह के अनुसार, तीन महीने तक प्रतीक्षा करने के बाद टीके का पहला डोज लेना चाहिए।