धर्मशाला। आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा ने तिब्बत के बाहर स्थित सामुदायिक विद्यालयों में तिब्बती भाषा के मानकों में आ रही गिरावट पर चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि तिब्बती हमारी मातृभाषा है लिहाजा इसके संरक्षण का प्रयास हमें स्वयं शुरू करनी चाहिए। इस दिशा में शिक्षक व विद्यार्थी अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।
दलाई लामा ने कहा कि तिब्बती भाषा कानून और व्यापार क्षेत्र में भले लाभदायक नहीं हो, लेकिन इसके माध्यम से 300 खंडों में संग्रहीत बुद्ध के संदेश और उनकी टीकाओं का अध्ययन किया जा सकता है।
वीएचवी। शिमला ब्यूरो। पवन/प्रदीप। 23 दिसम्बर 2010