धर्मशाला . निर्वासित तिब्बत सरकार ने धर्मगुरु दलाईलामा और उनके नजदीकी सहयोगियों पर रसायनिक हमले की आशंका के चलते उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। तिब्बत सरकार ने एडीजीपी सीआईडी और प्रदेश सरकार के गृह विभाग को अवगत करवाकर मैक्लोडगंज और आसपास के क्षेत्रों में भी चौकसी बढ़ाने की मांग की है। निर्वासित तिब्बत सरकार ने इसकी पुष्टि की है। यह खुलासा चीन अधिकृत तिब्बत से तिब्बत निर्वासित सरकार मुख्यालय धर्मशाला को मिली रिपोर्ट्स में हुआ है। जून 2010 में इस संदर्भ में तिब्बत निर्वासित सरकार ने सीआईडी को पत्र लिखकर ऐसी सूचनाओं की जानकारी दी है। हालांकि इन सूचनाओं के बाद सीआईडी ने दलाईलामा पैलेस और आसपास के क्षेत्रों में खुफिया दायरा बढ़ाकर चुगलाखंग बौद्ध मठ और दलाईलामा आवास स्थान को जाने वाले विभिन्न प्रवेश द्वारों आम लोगों के लिए बंद कर दिया था। बाहर से आने वाले मेहमानों को चुगलाखंग बौद्ध मठ में प्रवेश के लिए एक ही प्रवेश द्वार निर्धारित किया गया है। इसमें मैटल डिटेक्टर लगाकर कड़ी जांच के बाद ही प्रवेश की इजाजत दी जाती है। बौद्ध मठ में ज्वलनशील और रसायनिक पदार्थो को ले जाने पर पूर्णतया प्रतिबंध है। दलाईलामा आवास स्थान पर अति विशिष्ट लोगों की मुलाकात के लिए एक्स-रे और स्कैनर लगाए गए हैं जबकि भविष्य के खतरों को देखते हुए यहां पर रसायनिक डिटेक्टर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दलाईलामा की बढ़ती आयु और उनके विदेश दौरों में व्यस्तता के चलते केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने मैक्लोडगंज या इसके आसपास के क्षेत्रों में विशेषकर दलाईलामा के लिए निजी हैलीपैड निर्माण की संस्तुति केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी है।
दलाईलामा की सुरक्षा बढ़ाने को गुहार लगाई
[मंगलवार, 16 नवम्बर, 2010 | स्रोत : दैनिक् भास्कर]
विशेष पोस्ट
संबंधित पोस्ट