बीजिंग | चीन के उत्तर-पश्चिमी भाग में हजारों तिब्बती छात्रों ने जबरन चीनी भाषा पढ़ाए जाने के खिलाफ आवाज उठाई है। चीन के क्विंघई प्रांत की रेबकोंग काउंटी के छह स्कूलों के करीब नौ हजार छात्रों ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया। लंदन में सक्रिय फ्री तिब्बत संगठन ने इस इलाके में मौजूद एक चश्मदीद के हवाले से यह जानकारी दी है। फ्री तिब्बत चीन से तिब्बत की मुक्ति का पक्षधर है। संगठन के बयान के मुताबिक इस क्षेत्र में तिब्बती और अंग्रेजी को छोड़कर सारी पढ़ाई चीनी भाषा में कराई जा रही है। जो छात्रों के भविष्य के लिए ठीक नहीं है। क्विंघई प्रांत में तीन तिब्बती बौद्ध मठ होने के कारण यह चीन विरोधी भावनाओं से अटा पड़ा है। वैसे चीन की ज्यादतियों के खिलाफ तिब्बत का यह विरोध नया नहीं है। इससे पहले मार्च, 2008 में भी तिब्बत की राजधानी ल्हासा में चीन विरोधी आवाज सुनी गई थी, जो चीन के तिब्बत बहुल प्रांत क्विंघई तक पहंुची थी। तिब्बतियों का आरोप है कि चीन हिमालय क्षेत्र के इस अहम भाग को अपने कब्जे में लेने के लिए तिब्बती संस्कृति को नष्ट करना चाहता है। विवादित दियाओयू द्वीप के पास चीन ने पोत भेजे टोक्यो, एएफपी : चीन और जापान के बीच दियाओयू द्वीपसमूह को लेकर पैदा हुआ तनाव खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे। जापान को भड़काने वाली कार्रवाई करते हुए चीन ने द्वीपसमूह के करीब मछली पकड़ने वाली नौकाओं की सुरक्षा के लिए गश्ती पोत भेजे हैं। चीन के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने अपने मछुआरों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया है। पूर्वी चीन सागर में स्थित इस द्वीपसमूह पर अधिकार को लेकर एशिया की इन दो ताकतों के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। द्वीपसमूह पर जापान का प्रशासनिक नियंत्रण है। यह खबर निम्न श्रेणियों पर भी है: अन्तर्राष्ट्रीय लोगों की प्रतिक्रिया
तिब्बती छात्र जबरन चीनी भाषा पढ़ाए जाने के खिलाफ
[गुरुवार, 21 अक्तूबर, 2010 | स्रोत : प्रेस नोट]
विशेष पोस्ट
संबंधित पोस्ट