[सोमवार, 11 अक्तूबर, 2010 | स्रोत : नव भारत]
पुणे । मन की शान्ति व आतरिक शान्ति से ही विश्व में शान्ति होगी . लाखों लोग अपनी आखें बंद किये औऱ दोनों हाथों को जोड कर दो मिनट तक इसकी खोज में पवित्र धर्मगुरु दलाई लामा के साथ बैठे थे. शहर के चैरिटेबल संस्था तेज ज्ञान पाउंडेशन ने हैप्पी थॉट्स विश्व शान्ति उत्सव का आयोजन कृषि महाविधालय के मैदान में किया । इस शुभ अवसरका उदघाटन धर्मगुरु दलाई लामा ने किया और राज्य के उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल , डॉ विजय भटकर , पदमश्री डॉ . एस.बी मुजूमदार , टैमी सिमोन और गायक कैलाश खेर भी उपस्थित थे. उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल ने धर्मगुरु दलाई लामा का स्वागत किया और दलाई लामा ने भी उपमुख्यमंत्री का आभिवादन किया . साथ ही दलाई लामा ने इस उत्सव के मुख्य प्रायोजक आई डील के एमडी जयंत डी म्हाइसकर का अभिवादन किया . उपमुख्यमंत्री ने हैप्पी थॉट्स विशव शान्ति उत्सव के शुभारंभ पर कहा कि मैं पुणे , महाराष्ट्र और पूरे भारत वर्ष की ओर से धर्मगुरु दलाई लामा का हार्दिक स्वागत करता हूं। महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फूले , अंबेडकर जैसे लोगों की भूमि है। पूणे संत ज्ञानेश्वर , संत तुकाराम की भूमि है। हम सब जानते है कि जहां प्यार नही वहां खुशी नही और जहां खुशी नही वहां शांन्ति नही . हम सभी यहां आंतरिक शान्ति और मन की शान्ति के लिए है. मैं ज्यादा समय नही लेते हुए धर्मगुरु दलाई लामा से कहना चाहूंगा कि वो हमें शान्ति का मार्ग दिखाएं। धार्मिक माहौल मिलना सौभाग्य । धर्मगुरु दलाई लामा ने इस शुभ अवसर पर कहा कि मैं बहुत खुश हूं इस उत्सव में भाग लेकर मुझे दिखावा पसंद नही है .मुझे लगता है हमें वास्तविकता को अपनाना आवश्यक है साथ हीं प्रार्थना और ध्यान को भी उन्होंने आगे कहा कि हजारों सालों से प्रार्थना कर रहे है। पूरा ब्रम्हांड घूम रहा है हैप्पी थॉटस आसानी से नहीं मिलती . प्रार्थना और ध्यान भी आसानी से नहीं मिलता है इसे मानवता से ही प्राप्त किया जा सकता है. दलाई लामा ने भारत से अपने प्रगाढ रिश्तों के बारे में कहा कि मुझे भारत बहुत पसंद है यह देश पिछले 2-3 हजार सालों से अहिंसा को विकसित करता रहा है।