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धर्मशाला। अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य और चीन पर कांग्रेस-कार्यकारी आयोग और टॉम लॉटस मानवाधिकार आयोग के सह-अध्यक्ष जिम मैकगवर्न ने 11वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा की तत्काल रिहाई का आह्वान किया है जिन्हें छह साल की उम्र में 17 मई 1995 को चीनी सरकार द्वारा जबरन गायब कर दिया गया था।
पंचेन लामा के 31वें जन्मदिन पर जारी बयान में रिप्रेजेंटेटिव मैकगवर्न ने कहा, ष्गेधुन चोएक्यी न्यिमा को उनके जन्मदिन पर मेरा उपहार यही है कि मैं उन्हें और उनके परिवार की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की अपनी मांग को फिर से दोहरा रहा हूं।ष्
पंचेन लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रमुख पदधारकों में से एक हैं और परंपरा के अनुसार दलाई लामा के पुनर्जन्म को मान्यता प्रदान करने में अहम भूमिका निभाते हैं और इसी वजह से उन्हें परम पावन दलाई लामा द्वारा 11वें पंचेन लामा के रूप में पहचान किए जाने के तीन दिन बाद ही 17 मई 1995 को जबरन गायब कर दिया गया था।
तिब्बत में धार्मिक नेताओं और उनके रिवाजों का चीन द्वारा दमन किए जाने की आलोचना करते हुए रिप्रजेंटेटिव मैकगवर्न ने कहा कि “वे तिब्बती बौद्ध धर्म के साथ ही दलाई लामा और असली तथा स्वतंत्र पंचेन लामा से डरते हैं।”
उन्होंने कहा कि “चीनी सरकार के इस डर की प्रतिक्रिया अक्सर मानवाधिकारों के उल्लंघन तक जाती है।”
उन्होंने चीनी सरकार की ष्दुनिया को यह बताने के लिए कि पंचेन लामा और उसका परिवार सुरक्षित और सुकून में है,ष् आलोचना की और कहा कि चीनी सरकार ने जिस तरह से पंचेन लामा का अपहरण करके और उनके पूरे जीवन को नियंत्रित कर रखा है और उनके परिवार को दशकों से दुनिया की आंखों से ओझल कर रखा है्, इसे कोई भी सरकार न्यायसंगत नहीं ठहरा सकती है।
उन्होंने विशेष रूप से चीनी सरकार से आग्रह किया कि वैश्विक कोविड-19 महामारी को देखते हुए, जो वैज्ञानिक रूप से चीन में पहली बार साबित हुई है, कैदियों को रिहा करने और हिरासत में लिए गए विशेष रूप से कोविड-19 की चपेट में आ गए लेागों को रिहा कर देना चाहिए क्योंकि जेल उनके लिए असुरक्षित हैं।
“आज, हम सब दुनिया भर में स्वास्थ्य संकट यानि वैश्विक कोविड-19 महामारी का सामना कर रहे हैं। विज्ञान इंगित करता है कि विषाणु पहली बार चीन में दसियों हजारों लोगों में दिखाई दिया था, जनके संक्रमण से हजारों लोग मर गए। अब यह हर जगह फैला हुआ है।”
उन्होंने कहा कि वायरस के अत्यधिक संक्रामक होने के कारण ष्कैदी और हिरासत में रहने वाले लोग उच्च जोखिम में हैं।ष् इन कारणों से, अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य और मानवाधिकार निकाय दुनिया भर की जेल आबादी में तत्काल और पर्याप्त कमी करने का आग्रह कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार पर उच्चायुक्त ने सरकारों से आह्वान किया है कि वे विशेष रूप से ऐसे लोगों को रिहा करने के तरीकों की जांच पर विचार करें जो कोविड-19 की चपेट में हैं और उनमें से जो बीमार होने के साथ-साथ कम सजा वाले अपराधी भी हैं, उन्हें पहले रिहा करने पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक किस्म के कैदी पररिभाषा कम जोखिम वाले होते हैं।
ष्वे (पंचेन लामा) मुक्त होने चाहिए क्योंकि लंबे समय से हिरासत में निरुद्ध रखे जाने के कारण उन्हें कोरोना वायरस से अधिक खतरा होने की आशंका है जो पहले से ही बड़ी संख्या में लोगों का जीवन लील रही है। उन्हें रिहा किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्हें विचार, विवेक और धर्म की स्वतंत्रता के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उपभोग करने का अधिकार है, जिसमें उन्हें अपना धर्म चुनने का अधिकार भी शामिल है। उन्हें रिहा किया जाना चाहिए क्योंकि वह अभी युवा हैं और उन्हें जन्मदिन की मुबारकवाद गेधुन चोएक्यी न्यिमा कहने का यह उचित समय है। हम कामना करते हैं कि इस वर्ष हमें उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हो।