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बेंगलुरु। बाइलाकुप्पे से आए नाम्ड्रोलिंग मठ, सेरा लाची, सेरा जेई और सेरा मे मठों के प्रतिनिधिमंडल ने सीटीए के दक्षिण जोन के मुख्य प्रतिनिधि श्री चोपेल थुप्टेन के नेतृत्व में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा से मुलाकात कर कोरोना संकट के इस कठिन काल में कर्नाटक की जनता और सरकार के साथ तिब्बती समुदाय की एकजुटता और समर्थन को व्यक्त किया।
इस प्रतिनिधिमंडल में सेटलमेंट अधिकारी के साथ-साथ जोन्गकर चोएड मठ के खेनपो, ग्यूडमे तांत्रिक मठ के प्रशासक और सेटलमेंट अधिकारीय कोलीगल तिब्बती सेटलमेंट अधिकारी और तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन के अध्यक्ष शामिल थे। तिब्बती प्रतिनिधिमंडल ने कोरोना वायरस से लड़ाई और जीवन के पुनर्निर्माण के प्रयासों में सरकार के योगदान में सहयोग के टोकन के रूप में पीएम केयर और मुख्यमंत्री राहत कोष दोनों के लिए 70 लाख रुपये का चेक सौंपा।
इस कठिन समय में कर्नाटक के तिब्बती समुदाय, मुख्य रूप से राज्य के विभिन्न बौद्ध मठों ने, भारत और कर्नाटक के लोगों और सरकार के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की और कोविड-19 के प्रकोप से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री के नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति (पीएम केयर्स) फंड और कर्नाटक के मुख्यमंत्री राहत कोष में दो करोड़ से अधिक रुपये का योगदान किया।
कर्नाटक में पांच तिब्बती बस्तियों में निवास करने वाले तिब्बतियों ने विभिन्न राहत उपाय भी किए हैं, जिसमें गरीब और कमजोर समुदायों को भोजन और सूखा राशन दिया जा रहा है। इसमें श्रमिक और दैनिक मजदूरी कमाने वाले भी शामिल हैं।
सीटीए के दक्षिणी जोन में निवास करनेवाले तिब्बतियों के मुख्य प्रतिनिधि श्री चोएफल थुप्टेन ने कहा कि बहुत मजबूरी में देश में लागू किए गए लॉकडाउन के परिणामस्वरूप बहुत से लोगों को, विशेष रूप से जो लोग अपने दैनिक मजदूरी पर निर्भर करते हैं, जबरदस्त कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए, हम तिब्बतियों का मानना है कि इस कठिन समय में उनकी मदद करना हमारा परम कर्तव्य है और केंद्र और कर्नाटक सरकार द्वारा कोविड-19 के प्रकोप से निपटने के लिए किए जा रहे अथक प्रयासों का समर्थन करने की हमारी पूरी कोशिश है।
इसलिए कर्नाटक में रहने वाले तिब्बती समुदाय जिसमें बायलाकुप्पे (नई और पुरानी) की पांच बस्तियां, हुनसुर, मुंडगोड और कोलिगल के साथ ही साथ बेंगलुरु में रहने वाले तिब्बतियों ने सामूहिक रूप से कुल 2,03,65,228 (दो करोड़ तीन लाख पैंसठ हजार दो सौ अट्ठाईस रुपये) पीएम केयर्स और कर्नाटक मुख्यमंत्री राहत कोष और राहत उपायों में योगदान किया है।
इन निधियों का अधिकांश हिस्सा कर्नाटक में स्थित तिब्बती बौद्ध मठों द्वारा इकट्ठा किया गया था। शेष धनराशि राज्य में तिब्बती समुदाय और अन्य तिब्बती संगठनों द्वारा जुटाई गई थी।
कर्नाटक में तिब्बतियों ने तिब्बती बस्तियों में रहने और इसके आसपास काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी और गरीब लोगों के लिए और भी विभिन्न राहत उपाय किए। इन राहत उपायों में से कई स्थानीय भारतीय अधिकारियों के साथ समन्वय में किए गए और अनियमित मजदूरों, दिहाड़ी मजदूरों और सहायता प्राप्त गरीबों को इससे काफी राहत और प्रसन्नता मिली।
देश भर के तिब्बती भी कोविड-19 के प्रसार रोकने और गरीबों की सहायता के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के प्रयासों में अपना सहयोग दे रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सभी कर्मचारियों ने अपने एक दिन का वेतन पीएम केयर्स फंड में दान किया था।
श्री थुप्टेन ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा, “कई चुनौतियों के अलावा कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के अपने अथक प्रयासों के लिए तिब्बती लोग भारत और कर्नाटक की जनता और सरकार के साथ-साथ दुनिया भर की सरकारों के प्रति प्रशंसा और आभार व्यक्त करने के लिए आगे आए हैं। साथ ही हम मेडिकल स्टाफ, डॉक्टरों, नर्सों, पुलिस कर्मियों और अन्य लोगों के ऋणी हैं और उनके प्रति आभार प्रकट करते हैं जो दूसरों की जान बचाने के लिए मोर्चे पर काम कर रहे हैं। अंत में हम इस महामारी के शीघ्र समाप्त होने की कामना करते हैं और आशा करते हैं कि जल्द ही सामान्य जीवन बहाल हो सके।”