बोधगया। आज 25 दिसंबर की सुबह बोधगया में परम पावन दलाई लामा का संदेश आया कि ‘हमारे पास सत्य की शक्ति है। चीनी कम्युनिस्टों के पास बंदूक की ताकत है। दीर्घकाल में सत्य की ताकत बंदूक की ताकत से बहुत मजबूत साबित होगी।‘
कल यहां महाबोधि मंदिर में अपनी तीर्थयात्रा पर पहुंचे तिब्बती आध्यात्मिक धर्मगुरु ने पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि ‘चीन पारंपरिक रूप से बौद्ध आबादी वाला सबसे बड़ा देश है। वहां बहुत से चीनी तिब्बती बौद्ध धर्म का पालन कर रहे हैं। तीन साल पहले, पेकिंग विश्वविद्यालय ने चीन में बौद्ध आबादी का एक सर्वेक्षण किया था। उनकी रिपोर्ट ने निष्कर्ष था कि लगभग 30 करोड़ चीन बौद्ध धर्म का पालन करनेवाले हैं। इनमें से कई बौद्ध बहुत शिक्षित हैं। ये आधिकारिक रिपोर्ट हैं और तब से चीनी बौद्ध आबादी लगातार बढ़ रही है।‘
परम पावन ने आगे कहा, ‘इसलिए अब चीजें बदल रही हैं। इसके अलावा, कई चीनी बौद्ध मानते हैं कि तिब्बती बौद्ध धर्म वास्तव में नालंदा परंपरा से आया है और यह परंपरा बहुत वैज्ञानिक धर्म है।‘
तिब्बती आध्यात्मिक धर्मगुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पवित्र मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर फूल लिए और पारंपरिक तिब्बती स्कार्फ बांधे हजारों तिब्बती, हिमालयी क्षेत्र के बौद्ध और विदेशी भक्त पंक्तबिद्ध होकर खड़े थे।
आगामी 02 जनवरी को परम पावन बोधिसत्व (लाकलेनसोदुन्मा) की 37 साधना पर ग्याल्से थोकमे सांग्पो के उपदेशों पर अपना प्रवचन देंगे। 03 जनवरी को परम पावन अवलोकितेश्वर दीक्षा (चेंरिसेवांग) प्रदान करेंगे। 04 से 06 जनवरी तक परम पावन समीपस्थ वंशावली के आधार पर मंजुश्री सशक्तिकरण (जाम्यंगचोखोर) पर प्रवचन का चक्र पूरा करेंगे जिसे उन्होंने दिसंबर 2018 में बोधगया में शुरू किया था। प्रवचन का यह पूरा कार्यक्रम बोधगया के कालचक्र प्रवचन मैदान में आयोजित किया जाएगा।