दैनिक भास्कर, 8 जुलाई 2019
भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने दलाईलामा के जन्मदिवस पर हस्ताक्षर अभियान चलाया। युवा विभाग के प्रांतीय उपाध्यक्ष अमित पलिया ने दलाई लामा के जन्मदिवस पर बीटीएसएम कार्यकर्ताओं के द्वारा चलाये गए हस्ताक्षर अभियान कार्यक्रम के मध्य संबोधन में उनके जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दो वर्ष की आयु में ल्हामो दोंडुब नाम का वह बालक तेरहवें दलाई लामा थुबतेन ग्यात्सो के अवतार के रूप में पहचाना गया। तिब्बत में उनकी शिक्षा परम पावन की मठीय शिक्षा छह वर्ष की आयु में प्रारंभ हुई।
उन्होंने बताया कि चीन द्वारा 1949 में तिब्बत पर आक्रमण के बाद 1950 में उनसे पूरी राजनैतिक सत्ता संभालने का आग्रह किया गया। 1954 में वे माओ त्से-तुंग तथा अन्य चीनी नेताओं जिनमें देंग शियोपिंग और चाऊ एनलाई भी शामिल थे, के साथ शांति वार्ता के लिए बीजिंग गए।
अंततः 1959 में चीनी सेना द्वारा ल्हासा के तिब्बती राष्ट्रीय संघर्ष को बड़ी क्रूरता से कुचले जाने के कारण उन्हें शरण लेने के लिए बाध्य होना पड़ा। तबसे वे उत्तरी भारत के धर्मशाला में निवास करते हैं जो कि निर्वासित तिब्बती राजनैतिक प्रशासन का केंद्र है। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गुना जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह धाकड़ ने तिब्बत व कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाने का आव्हान भारत तिब्बत सहयोग मंच के कार्यकर्ताओं से शहर व गांव-गांव तक पहुंचकर करने की बात कही।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से देशराज धाकड़, संजय जैन, निमेष भार्गव, विष्णु जाटव, रिंकी लोढा, शानू खान सहित कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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