अमर उजाला, 20 मार्च 2019
तिब्बत में बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक नेता दलाईलामा ने एक बड़ा एलान करते हुए कहा है कि उनका अगला अवतार भारत से हो सकता है। अपने उत्तराधिकारी पर बयान देने वाले 14वें दलाईलामा ने भारत में अपने जीवन के 60 साल निर्वासित होकर बिताए हैं। उन्होंने आगाह किया कि चीन द्वारा घोषित अन्य उत्तराधिकारी को सम्मान न दिया जाए।
दलाईलामा ने अपने निर्वासन के 60 साल पूरे होने के ठीक एक दिन बाद सोमवार को यह बात कही। 1959 में भारत ने दलाईलामा को शरण दी थी। उस वक्त वह एक सैनिक के लिबास में हिमालय को पार कर गए थे। तिब्बत में सराहनीय कामों के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘चीन दलाईलामा के पुनर्जन्म की महत्ता समझता है। बीजिंग अगले दलाईलामा को लेकर चिंतित भी है। भविष्य में यदि दो दलाईलामा अस्तित्व में आते हैं, एक यहां स्वतंत्र देश से और दूसरा जिसे चीन चुने, तो ऐसे में चीन द्वारा चुने गए दलाईलामा को कोई सम्मान नहीं देगा। यह चीन के लिए बड़ी समस्या है और यह संभव है।’
दलाईलामा ने कहा कि उनके और चीनी अधिकारियों के बीच आधिकारिक मुलाकात 2010 तक हुई थी। हालांकि अब सेवानिवृत्त चीनी अधिकारी और कारोबारी समय-समय पर मिलते हैं। उन्होंने कहा, मेरी मृत्यु के बाद दलाईलामा की भूमिका के लिए इस वर्ष के अंत में तिब्बती बौद्धों के बीच बैठक में होगी। उन्होंने कहा, यदि उन्हें वापस मातृभूमि जाने का मौका मिले तो वह चीनी यूनिवर्सिटी में भाषण देना चाहेंगे। लेकिन चीन में कम्युनिस्टों की सरकार होने तक उनकी वापसी की कोई गुंजाइश नहीं है।
बच्चे के रूप में पुनर्जन्म की मान्यता
चीन सरकार कहती है कि उसे अगले दलाईलामा के चयन का अधिकार है। लेकिन तिब्बत के लोग मानते हैं कि बौद्ध साधु की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा एक बच्चे में समा जाती है और वह पुनर्जन्म लेता है। चीन के 60 लाख से भी अधिक तिब्बती लोग दलाईलामा का सम्मान करते हैं जबकि सरकार ने उनकी तस्वीरों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर पाबंदी लगा रखी है।
चीन की ताकत बंदूक आधारित है
दलाईलामा ने कहा कि चीन एक प्राचीन देश है, लेकिन उसकी राजनीतिक प्रणाली एकपक्षीय है, इसलिए मैं यहां रहना पसंद करूंगा। हमारी ताकत और मजबूती सत्य पर आधारित है, जबकि चीन की ताकत बंदूक पर आधारित है। छोटे अंतराल के लिए बंदूक निर्णायक हो सकती है लेकिन लंबी अवधि के लिए सत्य कहीं अधिक ताकतवर साबित होता है।
चीन सरकार देगी अगले धार्मिक नेता को अनुमति : चीन
चीन ने दलाईलामा के अवतार संबंधी दावे को खारिज करते हुए कहा है कि तिब्बत का अगला आध्यात्मिक नेता कम्युनिस्ट सरकार द्वारा ही अनुमोदित किया जाएगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि हम तिब्बती बौद्ध धर्म में पुनर्जन्म प्रणाली के तरीकों का सम्मान करते हैं। लेकिन यह भी सच है कि दलाईलामा 1959 में तिब्बती विद्रोह के दौरान भारत भाग गए थे।
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