तिब्बत.नेट, 04 दिसंबर, 2018
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और आरएसएस नेता व हिमालय परिवार के मुख्य संरक्षक और भारत-तिब्बत सहयोग मंच के मुख्य संरक्षक श्री इंद्रेश कुमार ने 4 दिसंबर को योंगलिंग स्कूल में भारत-तिब्बत सहसंबंध बैठक की अध्यक्षता की। सीटीए के स्वास्थ्य विभाग के मंत्री चोएक्योंग वांगचुक ने भी पैनल चर्चा में भाग लिया।
यह कार्यक्रम संयुक्त रूप से हिमालय परिवर और तिब्बती सेटलमेंट कार्यालय, धर्मशाला द्वारा आयोजित किया गया था।
सेंटलमेंट अधिकारी डावा रिन्चेन ने स्वागत भाषण दिया और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष, कलोन चोएकांग वांगचुक और आरएसएस नेता का विशेष रूप से स्वागत किया।
कलोन चोएकांग वांगचुक ने अपने उद्घाटन भाषण में भारतीय नेताओं का अभिवादन किया।
कलोन (मंत्री) ने तिब्बती क्षेत्रों में अत्यधिक खनन और अनियंत्रित निर्माणों के परिणामस्वरूप तिब्बत के अंदर वर्तमान में तिब्बतियों द्वारा झेले जा रहे पर्यावरण से संबंधित मुद्दों को उठाया।
मंत्री ने कहा, ‘चीनी सरकार तिब्बती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर खनन, विकास और डैम निर्माण परियोजनाएं चला रही हैं। इस तरह की अनियंत्रित गतिविधियां क्षेत्र के तिब्बतियों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही हैं। हम पठार पर भूस्खलन और तापमान के बढ़ने की घटनाओं को देख रहे हैं। हाल ही में पूर्वी तिब्बत के जोमडा और पल्युल क्षेत्र में बोलू टाउनशिप ऐसी आपदाओं के गवाह रहे हैं।’
उन्होंने चीनी सरकार द्वारा तिब्बती भाषा, धर्म और अभिव्यक्ति की आजादी पर भयानक दमन पर भी प्रकाश डाला।
कलोन ने चीनी सरकार से तिब्बत में लोगों की वैध शिकायतों का समाधान करने की अपील करते हुए आग्रह किया, ‘चीनी सरकार के विरोध में कम से कम 154 तिब्बतियों ने आत्मदाह कर लिया है। तिब्बत में तिब्बतियों द्वारा इस तरह के बलिदान से सिद्ध होता है कि चीनी शासन के तहत तिब्बत में लोगों का जीवन यापन मुश्किल हो गया है।’
तिब्बत के लिए वैश्विक समर्थन पर विस्तार से बात करते हुए उन्होंने इस साल 25 सितंबर को अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव द्वारा तिब्बत में पारस्परिक पहुंच अधिनियम के पारित होने और सीनेट की विदेश संबंध समिति द्वारा अधिनियम के लिए सर्वसम्मति से समर्थन दिए जाने का भी जिक्र किया।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल और हिमालय परिवार और भारत तिब्बत सहयोग मंच के मुख्य संरक्षक व आरएसएस नेता श्री इंद्रेश कुमार ने भी तिब्बती लोगों के समर्थन में बात की और तिब्बत के अंदर की स्थितियों के बारे में अपनी चिंताओं को व्यक्त किया।