तिब्बत.नेट, 31 दिसंबर, 2018
बोधगया। दुनिया भर के फैले तिब्बतियों के लिए 2018 का साल सुखान्त रहा क्योंकि उनके आध्यात्मिक धर्मगुरु परमपावन दलाई लामा से आशीर्वाद के साथ उन्हें एक मंगलसूचक वचन मिला है, जिसमें उन्होंने तिब्बती लोगों के हित और उद्देश्य के लिए सौ से अधिक वर्षों तक जीवित रहने का आश्वासन दिया है।
आज सुबह केंद्रीय तिब्बती प्रशासन, नामग्याल मठ और शेलखर न्गाशाप द्वारा आयोजित लांग लाइफ प्रार्थना में अपने प्रवचन में परमपावन दलाई लामा ने कहा, ‘हमारे इतिहास में इस तरह के महत्वपूर्ण मोड़ पर मैं समझता हूं कि मैंने तिब्बत मुक्ति और तिब्बत के लोगों के लिए काफी सेवा की है। आज भी मैं बहुत स्वस्थ हूं, मेरा दिमाग बेहद तेज है और मैं अपनी सेवा को जारी रखने के लिए सौ साल से ज्यादा जीने की कामना करता हूं। इसी तरह आप सभी को सामूहिक रूप से प्रार्थना करनी चाहिए।’
तेनशुग समारोह में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के राष्ट्रपति और तिब्बती लोकतंत्र के तीनों स्तंभों- काशाग, निर्वासित तिब्बती संसद और तिब्बतन सुप्रीम जस्टिस कमीशन के प्रमुखों, स्वायत्त निकायों के प्रमुखों और सीटीए के सभी कार्यालयों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
परमपावन दलाई लामा ने कहा, “तिब्बत में लाखों तिब्बती हैं जिन्होंने मेरे स्वास्थ्य और लंबे जीवन के लिए अटूट विश्वास के साथ प्रार्थना की है। मैं उनकी ओर से किए जा रहे इस प्रयास को स्वीकार करता हूं।
तेनशुग समारोह में तिब्बती के संरक्षकों- नेचुंग, तेनमा चोइनी, थांगला ओरेकल, माचेन पोमरा की वंदना भी हुई।
परमपावन दलाई लामा ने सभा को बताया कि उन्होंने गैडेन फोडरंग से संबंधित सभी रक्षक देवताओं से अनुरोध किया था कि वे उनके लंबे जीवन के लिए होनेवाली प्रार्थना में हिस्सा जरूर लें।
‘उनकी भागीदारी के साथ आज की प्रार्थना हिमदेश के लोगों और रक्षक दोनों की ओर से सामूहिक प्रार्थना के प्रतीक के रूप में की जाएगी।’
परम पावन ने कहा, ‘मुझे देवताओं और अन्य के मुकुटमणि (क्रावनिंग ज्वेल ऑफ गॉड एंड अदर्स) की उपाधि दी गई है, इसलिए यह सबसे उपयुक्त है कि देव और मनुष्य इस भेंट को साझा करें।’
उन्होंने कहा कि देवता, विशेष रूप से नेचुग दोरजे द्राक ने दलाई लामाओं के उत्तंराधिकारियों के साथ एक अद्वितीय आध्यात्मिक संबंध बनाया हुआ है।
‘वे तिब्बती बुद्ध धर्म के फलने- फूलने में मदद करने के लिए, संवेदनशील प्राणियों की खुशी और सबसे महत्वपूर्ण तिब्बत के लोगों की खुशी के लिए लंबे समय से मौजूद हैं।’
‘इसलिए, यह मनुष्यों और देवताओं की सामान्य जिम्मेदारी है कि वे तिब्बत मुक्ति के लिए काम करें।’
सीटीए ने परमपावन दलाई लामा को विस्तृत समारोह का प्रतीक और साठ लाख तिब्बतियों की सामूहिक आकांक्षाओं और परम पावन के जीवन के लिए उनकी उत्कट प्रार्थनाओं के प्रतिनिधित्व स्वरूप बुद्ध की 113 मूर्तियां भेंट की। यह भेंट परमपावन दलाई लामा के दीर्घ जीवन का एक शुभ प्रतीक है।
इस अवसर पर सीटीए ने भारत में सभी तिब्बती बौद्ध मठों और भिक्षुणी विहारों को बुद्ध की मूर्तियां भेंट करेगा। समारोह में भारत भर के सभी 276 पंजीकृत तिब्बती मठों और भिक्षुणी विहारों के प्रतिनिधि और प्रभारी भाग ले रहे हैं।
परम पावन के जीवन के इस 84वें वर्ष में सभी बाधाओं के निवारण के लिए और उनकी परोपकारी इच्छाओं की पूर्ति के लिए भी तेनशेग में प्रार्थना हो रही है।