तिब्ब्त.नेट, 19 नवंबर, 2018
हालिफैक्स । राष्ट्रपति डॉ लोबसांग सांगेय 2018 के हालिफ़ैक्स इंटरनेशनल सिक्योरिटी फोरम में भाग लेने के लिए सप्ताहांत में हालिफ़ैक्स, नोवा स्कोटिया में थे।
एक प्रमुख मंच के रूप में सर्वस्वीकार्य इस तीन दिवसीय फोरम में दुनिया के कुछ अति प्रभावशाली नेताओं का जुटान होता है और इसमें कुछ अति महत्वपूर्ण वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों को लेकर चर्चा होती है और लोकतांत्रिक देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने के लिए बातचीत होती है।
इस साल का मुख्य मुद्दा अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को कमतर करने वाले चीन और रूस की उदार लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए चुनौती पर केंद्रित था।
इस फोरम में 90 से अधिक देशों का प्रतिनिधित्व है और इसमें केवल 300 प्रतिभागी ही हिस्सा ले सकते हैं। इस फोरम में भाग लेनेवाले प्रमुख हस्तियों में अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल जोसेफ एफ डुनफोर्ड, जूनियर, कनाडा के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री माननीय हरजीत सिंह सज्जन और नाटो के उप महासचिव सुश्री रोज गोएटेमोलर शामिल थे।
राष्ट्रपति सांगेय ने स्वीडिश सशस्त्र बलों के सर्वोच्चट कमांडर जनरल मिखाइल बडेन और मैककेन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल लीडरशिप के अध्यक्ष श्रीमती सिंडी मैककेन के साथ एक डिनर सत्र में अपना भाषण दिया। उन्होंने दुनिया भर में सत्ता के अभिजात वर्ग के साथ मेलजोल सहित चीनी प्रभाव के बढ़ने के कारण उत्पन्न हो रहे तनाव के बीच लोकतंत्र के बारे में बात की।
राष्ट्रपति सांगेय ने पूर्ण सत्र के दौरान कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को भी उठाया। पहले पूर्ण सत्र में जिसने दुनिया के उदार लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा में नाटो गठबंधन के महत्व पर चर्चा हुई, उन्होंने इंगित किया कि चीन ने मध्य और पूर्वी यूरोप में 16 से अधिक गठबंधन बनाया है जिसमें लोकतंत्र या मानवाधिकारों के लिए कोई बात नहीं होती है।
चार पैनलिस्टों में से एक माननीय हरजीत सज्जन ने जवाब दिया कि कनाडा एक राष्ट्र के रूप में मानवाधिकारों का बचाव करने के लिए प्रतिबद्ध है।
एक अन्य पूर्ण सत्र में राष्ट्रपति सांगेय ने कहा कि ‘दावे से यह प्रतीत होता है कि नाटो लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए है लेकिन नाटो गठबंधन बंटा हुआ है। और एक नई सोच चल पड़ी है जिसके समर्थन में कई देश आ चुके हैं। वह यह कि चीन स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, प्रौद्योगिकी और वैश्वीकरण में अग्रणी है।’
पेव रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षण का हवाला देते हुए, जिसमें यह दर्शाया गया है कि 25 देशों के 70% लोगों का मानना है कि चीन अमेरिका या जर्मनी की तुलना में विश्व मामलों में अधिक हस्तक्षेप कर रहा है, राष्ट्रपति सांगेय ने पूछा, ‘आप इस तरह की बातों का मुकाबला कैसे करते हैं? क्यार आप पहले नाटो गठबंधन को एकजुट करते हैं और इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों के लिए बोलने के लिए तैयार करते हैं? ’
अमेरिकी सीनेटर माइक राउंड्स ने कहा कि चीन के बेल्ट और रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय आदेश को बदलने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसे अमेरिका ने कई गठबंधनों के साथ बनाया है। ‘यदि आप एक नजर डालें कि वे कहां अपना नियंत्रण स्था पित कर रहे हैं और कहां वे (बीआरआई) पर जोर दे रहे हैं, तो यह साफ हो जाएगा कि यह भारत-चीन प्रशांत क्षेत्र में सबसे व्यस्त व्यापार लेनों में है।’
अमेरिकी सीनेटर जीन शाहीन ने कहा, ‘हमें संयुक्त राज्य अमेरिका बनाम चीन के विश्व मामलों में शामिल होने के दीर्घकालिक प्रभावों को समझने की जरूरत है।’
फोरम के दौरान, राष्ट्रपति सांगेय ने विभिन्न अमेरिकी सीनेटरों और कांग्रेस के सदस्यों से मुलाकात की और तिब्बत अधिनियम के द्विपक्षीय आवागमन के लिए अपना समर्थन मांगा। यह अधिनियम पिछले सितंबर में प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित किया गया था और अब सीनेट में लंबित है।