दैनिक जागरण, 19 मई, 2017
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांग्ये ने कहा है कि चीन तिब्बत में तिब्बती संस्कृति को खत्म कर रहा है। तिब्बत में चीन ने ऐसे संग्रहालय स्थापित किए हैं जिनमें तिब्बत के झूठे हालातों को दर्शाया गया है। डॉ. सांग्ये वीरवार को 40वें विश्व संग्रहालय दिवस पर बौद्ध मंदिर मैक्लोडगंज के समीप तिब्बती संग्रहालय में आयोजित प्रदर्शनी के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, चीन तिब्बतियों को तिब्बत लौटने से रोकने के लिए भी कड़े कदम उठा रहा है और यह विश्व समुदाय के सामने है। बकौल डॉ. सांग्ये, तिब्बती संग्रहालय में हम प्राचीन संस्कृति, सभ्यता व अस्तित्व को बचाए रखने में कामयाब हुए हैं। कहा कि यह संग्रहालय तिब्बत में तिब्बतियों की दुर्दशा की याद भी दिलाता है। निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संग्रहालय से तिब्बती अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी आजादी की आवाज को उठा रहे हैं। इस दौरान वह तिब्बती विद्यार्थियों से भी रूबरू हुए। इस मौके पर संग्रहालय निदेशक ताशी फुंचुक ने कहा कि हम पिछले तीन वर्ष से विश्व संग्रहालय दिवस मनाते आ रहे हैं। इस संग्रहालय से तिब्बत की प्राचीन संस्कृति व सभ्यता को संजोकर रखा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी पहचान बनी है। दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को होगा और इसमें निर्वासित तिब्बती संसद के उपसभापति आचार्य यशी फुंचोक भाग लेंगे।
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