दैनिक जागरण, 6 जुलाई 2016
हजारीबागः विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डा. गुरदीप सिंह ने कहा कि चीन को तिब्बतियों के आगे एक दिन झुकना होगा, तिब्बत को आजादी देनी होगी। सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं। कहा कि आज के परिवेश में यूएसएसआर से चेकोस्लाविया अलग हो सकता है तो फिर तिब्बत क्यों नहीं। वह बुघवार को तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा के 81वें जन्मदिवस पर भारत-तिब्बत मैत्री संघ द्वारा तिब्बत की आजादी विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे।
उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने दलाई लामा के अहिंसा का पुजारी बताते हुए कहा कि उनका अथक आंदोलन और देशभक्तों की कुर्बानी बेकार नहीं जाएंगी। जिस तरह गांधी जी ने अहिंसा के बल पर अंग्रेजों को यहां से जाने को बाध्य कर दिया, उसी तरह दलाई लामा भी चीनियों को बेबस कर देंगे। विघायक मनीष जायसवाल ने चीन की विस्तारवादी नीति, जमीन हड़पने की नीयत पर बरसते हुए कहा कि उसकी आर्थिक नीति को तोड़ना होगा। उसका भारत विरोधी रवैया उसके लिए ठीक नही। कहा कि चीनी वस्तुओं का बहिष्कार उसकी कमर तोड़ देगी।
समारोह में पूर्व सांसद महाबीर लाल विश्वकर्मा, संघ के क्षेत्रीय समन्वयक सुदेश कुमार चंद्रवंशी, प्रो. अमिताभ सामान्ते, प्रो. बंशीघर रूखैयार, हरीश श्रीवास्तव, प्रो. सुबोध सिंह शिवगीत, गोपाल प्रसाद, जेपी जैन, सीए विकास वर्मा, सुरेश वर्मा, शंभु शरण, अजीत कुमार, अनिल सिंह, अनुज सिंह, श्याम किशोर, भैया अभिमन्यु प्रसाद, नंद किशोर प्रसाद, उतम जैन, ममता चंद्रवंशी, दीपक कुमार, शैलेश चंद्रवंशी, विश्वनाथ राम, शंकर वर्मा, सुघीर वर्मा, महेंद्र प्रसाद सिंह, पूनम बिहारी, आशेक शर्मा तथा कार्यक्रम संयोजक बीके सिंह विशेष रुप से उपस्थित थे।
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