पंजाब केसरी, 17 मई, 2016
मेरठ: चीन के कब्जे से तिब्बत को आजाद करने के लिए संघर्ष कर रहे तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को मेरठ से तिब्बती आजादी से जुड़े संगठन ने भारत रत्न देने की मांग की। संगठन कॉर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज के क्षेत्रीय संयोजक डॉ. डी.के. पाल का कहना था की सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर अपनी मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा। दलाई लामा को भारत रत्न और गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने की बात कही गई है।
डॉ. डी.के. पाल ने बताया कि दलाई लामा ने भारत में रहकर हमेशा तिब्बत की आजादी की लड़ाई लड़ी। उन्होंने बताया कि दलाई लामा का मानना है कि तिब्बत की आजादी भारत के हित में है। महात्मा गांधी के विचारों से अति प्रभावित दलाई लामा लगातार भारत में रहकर तिब्बत के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं। डॉ. डी.के..पाल का कहना है कि दलाई लामा भारत को गुरु और तिब्बत को चेला मानते आए हैं। वह दुनिया में शांति और सद्भाव फैलाने की मुहिम भारत में रहकर चला रहे हैं। दलाई लामा चीन की विस्तारवादी नीति की दुनिया के सभी मंचों से निंदा कर चुके हैं। जबकि दलाई लामा तिब्बत के प्रति शांति प्रयासों में भारत के योगदान की सराहना करते हैं। 1959 में चीन ने तिब्बत पर जबरन कब्जा किया तभी से दलाई लामा तिब्बत की आजादी की जंग छेड़े हुए हैं।
केंद्रीय मंत्रियों से मिला संगठन
दलाई लामा की शांति मुहिम को लेकर तिब्बती संगठनों ने केंद्र सरकार से दलाई लामा को भारत रत्न अथवा गांधी शांति पुरस्कार देने की मांग उठाई है।सोमवार को इसके लिए कॉर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉलेज के कंवीनर आर.के.ख्रिमे, डॉ. डी.के. पाल, हरजीत सिंह ग्रेवाल, तेनजिंन पाल, पंकज गोयल, नरेंद्र चौधरी, केंद्रीय मंत्रियों से मिले। यह प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू, केंद्रीय पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा, गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू, केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, सांसद अर्जुनराम मेघवाल, जदयू महासचिव के.सी. त्यागी आदि से मिला। केंद्रीय मंत्रियों और सांसद से मिलने के बाद इस प्रतिनिधिमंडल ने अब राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, पी.एम. नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर यह मांग उठाने की बात कही है।
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