India.com, 11 मार्च 2016
बाल्टिक देशों के सांसदों के समूह ने चीन से आग्रह किया है कि वह तिब्बत की अर्थपूर्ण स्वायत्तता के लिए दलाई लामा के दूतों से पुन: वार्ता शुरू करे। यह जानकारी यहां स्थित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) से मिली। सीटीए ने शुक्रवार को कहा कि एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया के सांसदों ने कहा कि चीन के शासन में तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। चीनी शासन के विरोध में तिब्बत और उसके बाहर तिब्बतियों की आत्मदाह की बढ़ती घटनाओं पर सांसदों ने गहरी चिंता भी जताई।
सीटीए के अनुसार सांसदों ने कहा, “इसलिए हम लोग चीनी सरकार से आग्रह करते हैं कि वह दलाई लामा और सीटीए के साथ तुरंत अर्थपूर्ण वार्ता शुरू करे, दोनों ही चीनी गणराज्य के अधीन तिब्बत में अर्थपूर्ण स्वायत्तता को अंगीकार करने के लिए तैयार हैं।”
सांसदों ने कहा कि चीनी सरकार की दमनकारी नीतियों के विरोध में 2009 से लेकर अब तक 143 तिब्बती आत्मदाह कर चुके हैं। सांसदों ने कहा कि इस समस्या के चिरकालिक हल के लिए निर्वासित तिब्बती नेतृत्व और चीनी सरकार के बीच अर्थपूर्ण वार्ता शीघ्र शुरू करने में मदद देने के लिए वे तैयार हैं।उन्होंने कहा कि सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संघर्ष के संदर्भ में एस्टोनिया, लिथुआनिया और लातविया का तिब्बत जैसा ही भाग्य और इतिहास रहा है। सांसदों ने कहा, “हम लोगों के पास वैसा अनुभव है जो चीन-तिब्बत वार्ता को सुगम बना सकता है। ”
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