जागरण, 23 सितम्बर 2014
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : निर्वासित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने चीन से तिब्बत में धार्मिक व आर्थिक उत्पीड़न, सांस्कृतिक आत्मसात, पर्यावरण विनाश तथा राजनीतिक दमन समाप्त करने का फिर आग्रह किया है। साथ ही केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने तिब्बत में तिब्बती लोगों से आत्मदाह जैसा कठोर कदम न उठाने की भी मांग की है।
सोमवार को यहां निर्वासित तिब्बत सरकार की संसद के चल रहे सत्र में इसको लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसमें इस आग्रह के साथ-साथ चीन में 17 सितंबर को सामने आए एक 22 वर्षीय तिब्बती युवक लामो ताशी द्वारा चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते हुए एक पुलिस थाने के सामने किए गए आत्मदाह पर भी गहरा दुख जताया गया।
तिब्बती संसद के स्पीकर पेंपा शेरिंग ने सत्र के दौरान इसपर शोक जताया और मृतक के परिवार को सांत्वना दी। सांसदों ने प्रस्ताव पारित करते हुए लामो ताशी के परिवार के प्रति एकजुटता तथा शोक प्रकट किया। संसद में तिब्बत में चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ अब तक हुई आत्मदाह की घटनाओं पर भी दुख प्रकट किया है।
चीन अधिकृत तिब्बत में अभी तक 131 आत्मदाह के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 113 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मौके पर फिर से तिब्बत सरकार व संसद के सभी सदस्यों ने चीन सरकार से तिब्बत में दमनकारी नीतियों को बंद करने तथा तिब्बत मसले का तिब्बती धर्मगुरू दलाईलामा के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर हल करने का आग्रह भी किया।
दलाईलामा धर्मशाला लौटे
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा सोमवार को धर्मशाला लौट आए। दलाईलामा मुंबई व दिल्ली के दौरे पर गए हुए थे। दिल्ली में उन्होंने दो दिन तक भारत में विविध अध्यात्मिक परंपरा विषय पर आयोजित बैठक में भाग लिया। दलाईलामा की 24 सितंबर से दलाईलामा टेंपल में तीन दिन की टीचिंग शुरू हो रही है।
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