पंजाब केसरी, 15 जनवरी 2014
सिरपुर (छत्तीसगढ़): तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कल कड़ी सुरक्षा के बीच सिरपुर के प्राचीन बौद्ध स्थल का दौरा किया और ऐतिहासिक ‘चंदा देवी’ गुफाओं में ध्यान किया जहां सदियों पहले बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन द्वारा ध्यान किए जाने का वर्णन मिलता है। सिंघधु्रव क्षेत्र में स्थित चंदा देवी की गुफाएं महासमुंद जिले के सिरपुर कस्बे से करीब 25 किलोमीटर दूर महानदी के किनारे स्थित हैं। लामा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है।
मेरे गुरु नागार्जुन ने यहां ध्यान किया था और मैं आज यहां उनकी उपस्थिति महसूस कर रहा हूं। यह बहुत शांतिपूर्ण है।’’ 78 वर्षीय दलाई लामा करीब 100 सीढिय़ां चढ़कर गुफा में पहुंचे और नागार्जुन की याद में करीब 20 मिनट तक वहां ध्यान किया जिन्हें वह अपना गुरू मानते रहे हैं। इस मौके पर कुछ आदिवासियों द्वारा विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल समेत बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था।
हालांकि ग्रामीण बाद में शांत हो गये। जिला प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस स्थान को उनकी भावनाओं को आहत किये बिना पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा। महासमुंद की कलेक्टर आर संगीता ने संवाददाताओं को बताया कि स्थानीय गौंड आदिवासी पिछले कई सालों से अपनी देवी के रूप में चंदा देवी की पूजा करते रहे हैं। इस तरह की खबरों के बाद विवाद खड़ा हो गया था कि गुफाओं का नाम बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन के नाम पर रखा जाएगा। इससे पहले दलाई लामा ने सिरपुर के प्राचीन लक्ष्मण मंदिर में छात्रों के साथ बातचीत की और वहां बौद्ध धर्मस्थल पर प्रार्थना भी की।