देशबंधु, 29 अगस्त 2013
पणजी | तिब्बत की निर्वासित संसद के सदस्य ने यहां गुरुवार को कहा कि भारत को चीन पर तिब्बत के निर्वासित नेताओं से बातचीत बहाल करने और मानवाधिकार हनन रोकने का दबाव डालना चाहिए। लोब्सांग येशी ने कहा कि भारत तिब्बती संघर्ष को उदार समर्थन दे।
चार सदस्यीय तिब्बती प्रतिनिधिमंडल के सदस्य येशी ने गोवा के मंत्रियों, राजनेताओं और एक सांसद से भी मुलाकात की। येशी ने कहा, “भारत सरकार चीन पर हमारे साथ वार्ता बहाल करने के लिए कूटनीतिक दबाव डाले। चीन और हमें स्वायत्तता के वृहत्तर मानदंडों के भीतर एक समाधान तलाशने और मानवाधिकार की दशा सुधारने की जरूरत है।” येशी ने कहा कि तिब्बती क्षेत्र में एक करोड़ से ज्यादा चीनियों को बसाया जा रहा है। इस क्षेत्र में तिब्बतियों की आबादी 60 लाख है। येशी ने कहा, “तिब्बत को सामाजिक स्थायित्व, एकता, सौहाद्र्रता और मानवाधिकार हनन से मुक्ति की दरकार है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत मानवाधिकारवाद, स्वतंत्रता और लोकतंत्र के आदर्शो को बनाए रखते हुए तिब्बतियों के साथ खड़ा होगा।”