भारत तिब्बत सहयोग मंच रिपोर्ट, 30 जुलाई 2013
तीस जुलाई को दिल्ली के चान्दनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में भारत तिब्बत सहयोग मंच के सैकडों कार्यकर्ताओं ने भगवान शंकर को साक्षी मान कर एक संकल्प लिया —तिब्बत की मुक्ति : कैलाश मानसरोवर की मुक्ति । कार्यकर्ताओं को संकल्प दिलाते हुये मंच के मार्गदर्शक इन्द्रेश कुमार ने कहा कि चीन ने भगवान शंकर के निवास कैलाश पर क़ब्ज़ा किया हुआ है । इतना ही नहीं चीन भारत की घेराबन्दी पाकिस्तान के साथ मिल कर कर रहा है । यह केवल भारत के लिये ही नहीं बल्कि पूरे एशिया के लिये ख़तरे की घंटी है । लेकिन दुर्भाग्य से भारत सरकार कुम्भकर्ण की नींद में सो रही है या फिर चीन के तुष्टीकरण में लगी हुई है । इसलिये ज़रुरी है कि अब भारत की जनता ही सिंहनाद करे , जिससे भारत सरकार की नींद टूटे और चीन को चेतावनी मिले । भारत तिब्बत सहयोग मंच इसी जन जागरण अभियान में लगा हुआ है ।
मंच के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पंकज गोयल ने कहा कि दिल्ली के सभी शिव मंदिरों में कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के होर्डिंग लगाये गये हैं और सभी कांवडियों में संकल्प पत्र वितरित किये जा रहे हैं ताकि भगवान शंकर का जलाभिषेक करते समय गाँव गाँव में यह संकल्प पढ़ा जाये ।
भारत-तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री ने कहा कि श्रावण मास शंकर का मास माना जाता है । देश भर से भक्त पवित्र नदियों से पानी लाकर अपने अपने स्थान पर शिव का जलाभिषेक करते हैं । लेकिन शिव के निवास कैलाश मानसरोवर जाने के लिये वे स्वतंत्र नहीं हैं । चीन ने शंकर निवास को अपने शिकंजे में कस रखा है । इसलिये मंच ने इस वर्ष से कैलाश मुक्ति अभियान प्रारम्भ किया है । उन्होंने कहा यह शिव लीला ही है कि भगवान शंकर अपने भक्तों की परीक्षा लेना चाह रहे हैं कि वे शिव कार्य के लिये कितना परिश्रम करते हैं । अग्निहोत्री ने कहा कि द्वापर में राम काज के लिये हनुमान आगे आये थे तो कलयुग में शिव काज के लिये हम सभी को आगे आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है ।
इस अवसर पर वरिष्ठ तिब्बतविद् नन्द किशोर त्रिखा और मंच के राष्ट्रीय मंत्री महेश चड्डा भी हाज़िर थे ।