पर्दा पाश, 03 जनवरी 2013
पटना : भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली वाले राज्य बिहार की राजधानी पटना में पांच से सात जनवरी तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में भाग लेने आने वाले बौद्ध धर्मावलंबी बौद्ध धर्म से संबंधित 150 पुरातात्विक धरोहरों के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे। सम्मेलन का आयोजन विश्व शांति का संदेश देने के लिए किया जा रहा है।
पटना के बुद्ध स्मृति पार्क में आयोजित इस सम्मेलन में नव नालंदा विहार, पुरातत्व निदेशालय और सांस्कृतिक निदेशालय की ओर से प्रदर्शनी में न केवल पेंटिंग के सहारे, बल्कि बुद्ध की जीवनी से संबंधित करीब 150 से अधिक यात्रा और चित्र तथा मूर्तियों की प्रदर्शनी लगाई गई है।
बिहार में दूसरी बार हो रहे बौद्ध सम्मेलन के आयोजन की जिम्मेदारी सम्भाल रहे बोधगया मंदिर प्रबंधक समिति के एक अधिकारी ने बताया कि दलाई लामा पांच जनवरी को इस सम्मेलन का शुभारम्भ करेंगे। इस दौरान स्मृति पार्क में लगी भगवान बुद्ध की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
कार्यक्रम में थाईलैंड, श्रीलंका, म्यांमार, चीन, जापान और कम्बोडिया जैसे लगभग 20 बौद्ध धर्मावलंबी देशों के 300 बौद्ध विद्वान और भिक्षु हिस्सा लेंगे। सरकारी स्तर पर इस कार्यक्रम में कला-संस्कृति विभाग सहयोग कर रहा है। आगंतुकों की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
पिछले रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद पार्क में हो रही तैयारी का निरीक्षण करते हुए कहा था कि इस सम्मेलन से न केवल विश्व में शांति के संदेश का प्रसार होगा, बल्कि आने वाले बौद्ध धर्मावलंबी भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली और कर्मस्थली से भी रू-ब-रू होंगे।
उल्लेखनीय है कि फरवरी 2010 में भी नालंदा में बौद्ध धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया था। पिछले वर्ष प्रसिद्ध पर्यटक और धर्मनगरी बिहार के गया जिले के बोधगया में बौद्ध धर्मावलंबियों की तंत्र साधना की कालचक्र पूजा का आयोजन किया गया था।
भारत के विभिन्न राज्यों के अतिरिक्त तिब्बत, नेपाल, चीन, जापान, म्यांमार, कनाडा, अमेरिका सहित कई देशों से करीब दो लाख बौद्ध धर्मावलंबी कालचक्र पूजा में शामिल होने के लिए इस ज्ञान नगरी में उपस्थित थे। तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के प्रतिदिन होने वाले प्रवचन के दौरान लामाओं की एकजुटता और एकाग्रता, धर्म के प्रति आस्था और शांति का संदेश पूरे विश्व में प्रसारित किया गया था।
राज्य के पर्यटन मंत्री सुनील कुमार पिंटु ने कहा कि बिहार में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे आयोजनों से बाहर के लोगों को बिहार को नजदीक से समझने का मौका भी मिलता है। उन्होंने कहा कि आगंतुकों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा। आयोजन की सफलता के लिए कई समितियां बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि बिहार एक बार फिर अपने खोए इंतिहास को संजोने की तैयारी कर रहा है।