दैनिक जागरण, 21 अक्टूबर, 2012
कालिम्पोंग, संवाद सूत्र: भारत पर चीन द्वारा आक्रमण के 50वें वर्षगांठ पूरा होने पर भारत-तिब्बत मैत्री संघ द्वारा यहां के 10 माइल फाटक से चीन के विरोध में शनिवार को एक रैली निकाली गर्इ। प्रदर्शनकारी हाथों में बौद्ध गुरु दलार्इ लामा व महात्मा गांधी का चित्र लिए हुए थे। भारत व तिब्बत का राष्ट्रीय झंडा लिए कार्यकर्ताओं को विरोध-प्रदर्शन देर तक चलता है।
चीन के विरोध में नारा लगाती रैली थार्पा च्छोलिंग गुंपा पहुंचकर एक सभा में तब्दील हो गर्इ। इस अवसर पर युद्ध में मारे गए भारतीय बहादुर सिपाहियों व तिब्बती आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गर्इ। इस अवसर पर जीटीए सभासद सामुएल गरुंग से दीप प्रज्जवलित किया व शहीदों के सम्मान में एक मिनट का मौन रखा । इस अवसर पर फ्रेंडशिप सोसाइटी के अध्यक्ष पीटी भूटिया व सचिव सोनम टी भूटिया उपसिथत थे।
पीटी भूटिया ने कहा कि देश में चीन के हमले के विरोध में काला दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा भारत का चीन के साथ सीमा लगती ही नहीं है। भारत का तिब्बत के साथ सीमा लगती है। चीन की दादागिरी को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस रैली में बड़ी संख्या में मैत्री संघ के सदस्य शामिल हुए। तिब्बती संगठनों में मुख्य रूप् से तिब्बत युवा कांग्रेस व वूमन संगठन के कार्यकर्ता व बौद्ध भिक्षु व सेंट्रल स्कूल आफ तिब्बत के विधार्थी बढ़ी संख्या में मौजूद थे।