खास खबर, 23 सितम्बर, 2012
धर्मशाला। तिब्बती अध्यात्म गुरू दलाई लामा का मानना है कि वह भारत के सक्रिय संदेशवाहक हैं और दया,सच्चाई एवं ईमानदारी को पूरी दुनिया में बढावा दे रहे हैं।
भारत अहिंसा एवं शांति का जनक है। उन्होंने कहा कि भारत एकमात्र देश है जहां विभिन्न धर्मों के सौ करोड से ज्यादा लोग सौहार्दपूर्वक रह रहे हैं। यहां शनिवार को दलाई लामा ने प्रवचनकार मोरारी बापू का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, मैंने अपनी जिंदगी का बडा हिस्सा धर्मशाला में बिताया है, इसलिए इसे मैं मातृभूमि मानता हूं।
दलाई लामा यहां के पुलिस ग्राउंड में नौ दिवसीय रामकथा के पहले दिन बोल रहे थे। दलाई लामा ने धर्मशाला को अपनी मातृभूमि करार दिया व कहा कि हर जगह मैंने कहा है कि भारत विभिन्न धमोंü का एकमात्र उदाहरण है जहां सौहार्दपूर्वक एक सौ करोड से ज्यादा लोग रहते हैं।