दैनिक ट्रिब्यून, 17 सितम्बर, 2012
धर्मशाला, 17 सितम्बर (निस)। तिब्बत की समस्या पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की जरूरत है और मेरा यहां आने का मकसद तिब्बत की वेदना से अपने आप को जोडऩा है। यह बात पूर्व वित्तमंत्री और ऑल पार्टी इंडियन पार्लियामेंटरी फोरम फॉर तिब्बत के संयोजक यशंवत सिन्हा ने सीटीए में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि मेरी तरह ऐसे कई संसद सदस्य हैं जो तिब्बत की वेदनाओं से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चीन तिब्बत के अस्तित्व को खत्म करने का काम कर रहा है और चीन में जो तिब्बती समुदाय के लोग रह रहे हैं, चीन उनका शोषण कर रहा है जिसके कारण तिब्बतियों को आत्मदाह करने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि तिब्बत ने भारत और चीन के बीच हमेशा से ही एक डिफैंस की भूमिका अदा की है। सिन्हा ने कहा कि भारत हमेशा से चीन की वन पॉलिसी का समर्थन करता आया है, इसका मतलब यह नहीं कि तिब्बत के प्रति हो रहे भेदभाव को देखता रहेगा।