अमर उजाला, 12 सितम्बर, 2012
नई दिल्ली। भारत के लोग काफी धार्मिक होते हैं, लेकिन यह दुखद है कि यहां भ्रष्टाचार व्याप्त है। यह बात तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाईलामा ने मंगलवार को रामकृष्ण मिशन में आयोजित एक समारोह में कही।
भ्रष्टाचार की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि जब आप भगवान को नहीं मानते हैं और आध्यात्मिकता को अस्वीकार करते हैं तो स्थिति को समझा जा सकता है, लेकिन भारतीय लोग धार्मिक होते हैं और भगवान से डरते हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार जैसे अनैतिक आचरण में लिप्त होना विरोधाभाषी है। उन्होंने कहा, किसी ने मुझसे कहा था कि अगर सरकार उन्हें 100 रुपये देती है तो लोगों के पास सिर्फ 20 रुपये ही पहुंचते हैं। शेष 80 रुपये बीच में ही गायब हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश में गरीबी एक प्रमुख मुद्दा है और ऐसे में भ्रष्टाचार स्वीकार्य नहीं है। हर किसी को इस बारे में सोचना चाहिए।
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जामिया में दलाईलामा आज
नई दिल्ली। दलाई लामा बुधवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में जाएंगे। वे वहां इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी विभाग के सभागार में दोपहर तीन बजे अहिंसा और नैतिक मूल्यों के महत्व पर अपने विचार रखेंगे। इस दौरान अहिंसा और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने किन-किन देशों और शहरों में यात्राएं की, उसके बारे में भी जानकारी देंगे। कुलपति प्रो. नजीब जंग की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में अन्य विश्वविद्यालयों से भी विशिष्ठ अतिथिगण पहुंचेंगे।
दलाई लामा की जामिया मिल्लिया इस्लामिया में यह दूसरी यात्रा है। इससे पहले वे वर्ष 2010 में आयोजित वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि थे। उस समय जामिया ने उन्हें डॉक्टर्स ऑफ लेटर्स की डिग्री देकर सम्मानित किया था।